तृणमूल को फटकार
तृणमूल को फटकार
गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार के विवादस्पद फैसले पर रोक लगा दी है। पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ दिनों पहले मुहर्रम के दिन राज्य भर में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर रोक लगाई थी। पश्चिम बंगाल सरकार का कहना था कि राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के उदेश्य से यह फैसला लिया है। ममता बनर्जी की सरकार को क़डी फटकार लगते हुए उच्च न्यायालय की खंड न्यायपीठ ने दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर लगी रोक हटते हुए प्रशासन को पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां करने को कहा है। पश्चिम बंगाल में दुर्गा महोत्सव का विशेष महत्व है। तृणमूल कांग्रेस ने अपने वोट बैंक को समर्थन करने के उद्देश्य से दुर्गा विसर्जन पर रोक लगाने का जो फैसला लिया था वह निंदनीय तो था ही अब न्यायलय की फटकार के बाद सरकार को शर्मिंदा भी होना प़ड रहा है। तृणमूल कांग्रेस पर पक्षपात के आरोप नए नहीं हैं। पहले भी कई बार अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए एक समुदाय को अधिक समर्थन देने का आरोप पार्टी पर लगता रहा है। परंतु जिस तरह से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाकर पार्टी ने अपने राजनैतिक फायदे के लिए राज्य के नागरिकों के बीच सौहार्द को ठेस पहुँचाने का काम किया है उसकी भरपाई कर पाना तृणमूल कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा। बांग्लादेश से अवैद्य तरीकों से शरणार्थियों को राज्य में शरण देकर उनके लिए आधार कार्ड बनवाने के भी आरोप लग रहे हैं तृणमूल कांग्रेस पर। जिस तरह की राजनीति तृणमूल कांग्रेस कर रही है उससे भविष्य में राज्य में ध्रुवीकरण होना स्वाभाविक है। किसी भी समुदाय का ख़ास ख्याल रखना सरकार की विफलता ही कहलाएगी। राज्य के सभी नागरिकों का सकारात्मक नेतृत्व करने की ि़जम्मेदारी सरकार की होती है। सरकार का प्रमुख मुद्दा होना चाहिए राज्य का विकास। ऐसे में अगर कोई भी पार्टी जाति और धर्म का सहारा लेती है तो जनता को ऐसी पार्टी को दरकिनार करना होगा। पश्चिम बंगाल की जनता बहुत जागरूक रही है। तृणमूल कांग्रेस पर जातीय समीकरणों से खिलवा़ड के आरोपों के मद्देऩजर भारतीय जनता पार्टी राज्य में कमल खिलता देख रही है। भाजपा विकास के मुद्दे पर अपना ध्यान केंद्रित करे हुए है और तृणमूल कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल की बदहाली के आरोप लगा रही है। न्यायालय की फटकार के बाद, तृणमूल कांग्रेस को अब आम जनता समक्ष जाकर अपनी गलती माननी चाहिए। भविष्य में भी ममता बनर्जी को राज्य के विकास पर ध्यान देना चाहिए।