मानहानि मामला: उच्च न्यायालय ने डीके शिवकुमार के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाई
उपमुख्यमंत्री को बड़ी राहत

Photo: PixaBay
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ 'भ्रष्टाचार रेट कार्ड' विज्ञापनों को लेकर राज्य भाजपा इकाई द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
न्यायालय ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) को भी इसी प्रकार की राहत दी, जो इस मामले में सह-आरोपी है।मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एसआर कृष्ण कुमार ने प्रतिवादी को नोटिस जारी किया तथा 29 जुलाई तक जवाब देने का निर्देश दिया, जिससे आगामी निर्देशों तक चल रही कार्यवाही पर प्रभावी रोक लग गई।
मानहानि का यह मामला वर्ष 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस द्वारा 'भ्रष्टाचार रेट कार्ड' शीर्षक से विवादास्पद विज्ञापनों की एक सीरीज जारी किए जाने के बाद सामने आया।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि इन विज्ञापनों में उस पर सत्ता में रहते हुए भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाने का झूठा इल्जाम लगाया गया है तथा दावा किया गया है कि सरकारी विभागों में नियुक्तियां और स्थानांतरण निश्चित 'दरों' और 'कमीशन' के साथ होते हैं।
भाजपा के अनुसार, स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित और ऑनलाइन प्रचारित विज्ञापनों ने पार्टी की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाया है। भाजपा ने कांग्रेस के दावों को पूरी तरह से मनगढ़ंत और 'कल्पना से पैदा हुआ' करार दिया।
शिकायत में स्पष्ट रूप से केपीसीसी अध्यक्ष के रूप में डीके शिवकुमार और तत्कालीन विपक्ष के नेता सिद्दरामय्या को विज्ञापनों को जारी करने और अनुमोदित करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के रूप में नामित किया गया है।
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