बोलना चांदी है, किंतु मौन बहुमूल्य आभूषण है: साध्वी भव्यगुणाश्री
मौन मुक्तिनगर पहुँचाने का माध्यम है
By News Desk
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मौन आत्मशुद्धि का उपाय है
दावणगेरे/दक्षिण भारत। शहर के शंखेश्वर पार्श्व राजेन्द्रसूरी गुरुमंदिर संघ काईपेट में विराजित साध्वी भव्यगुणा श्रीजी ने कहा कि बोलना चाँदी है, किन्तु मौन बहुमूल्य आभूषण है। मौन आनन्द का अक्षय कोष है।
मौन मुक्तिनगर पहुँचाने का माध्यम है। मौन पर सदैव शान्ति व समाधि के फल लगते हैं। मौन आत्मशुद्धि का उपाय है। मौन से दिमाग की शक्ति बढ़ती है। मौन से शोक, सन्ताप घटते हैं। मौन बुद्धिमानी का लक्षण है।साध्वी शीतलगुणा श्रीजी ने कहा कि मौन की आवाज कभी निष्फल नहीं जाती। मौन रहने पर मूर्ख भी विद्वानों की श्रेणी में आ जाता है। मौन का मूक उपदेश कई बार भाषणों से भी विशेष प्रभावशाली होता है। मौन मानव का सच्चा भूषण है।
महापुरुषों का कथन है कि शब्द मोती से भी मूल्यवान है, क्योंकि जेब से गया मोती भाग्योदय से वापस मिल सकता है, परन्तु मुँह से निकला हुआ वचन वापस लेना असम्भव है।
गुरुमंदिर संघ के अध्यक्ष पूनमचंद जैन ने बताया कि साध्वीवृंद की निश्रा में 11 जुलाई से गौतम कमल लब्धितप प्रारंभ होगा।
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12 Nov 2025 15:04:50
Photo: alfalahuniversity_official Instagram account


