ईएलआई योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वालों को सरकार देगी 15,000 रु.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा जारी होगी राशि

रोजगार सृजन को मिलेगा बढ़ावा
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (प्रथम) नवेंदु राय, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (प्रथम) महिर कुमार एवं द्वितीय आयुक्त नवीन एमेनुएल ने सोमवार को यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए केंद्र की रोजगार प्रोत्साहन योजना (एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम) के बारे में जानकारी दी।
आयुक्त नवेंदु राय ने बताया कि देश में रोजगार बढ़ाने और युवाओं को काम के ज्यादा मौके देने के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है। इसका नाम 'रोजगार प्रोत्साहन योजना' है। यह खासकर उन युवाओं के लिए फायदेमंद होगी, जो पहली बार नौकरी कर रहे हैं। साथ ही, कंपनियों को भी फायदा मिलेगा, अगर वे ज्यादा लोगों को रोजगार देंगी। इस योजना को हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत करीब 1.92 करोड़ युवाओं को एक महीने का वेतन सरकार अपनी ओर से देगी। इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने लगभग 1 लाख करोड़ रु. का बजट रखा है। प्रोत्साहन योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को केंद्र सरकार अपनी ओर से 15,000 रुपये देगी।दो हिस्सों में बंटी योजना
उन्होंने बताया कि इस योजना के दो हिस्से हैं। पहला हिस्सा उन युवाओं के लिए है, जो पहली बार नौकरी करने जा रहे हैं। दूसरा हिस्सा कंपनियों को फायदा देने के लिए है, जो लगातार नए लोगों को रोजगार देंगी। इस योजना से विनिर्माण क्षेत्र को खासतौर पर बढ़ावा मिलेगा, ताकि देश में औद्योगिक विकास तेजी से हो सके।
पहली बार नौकरी करने वालों के लिए फायदा
इस योजना के पहले हिस्से में पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (अधिकतम 15,000 रुपए) दिया जाएगा। यह रकम दो हिस्सों में दी जाएगी। पहला हिस्सा छह महीने की नौकरी पूरी करने पर और दूसरा हिस्सा बारह महीने की नौकरी के बाद मिलेगा। साथ ही, युवाओं को वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
कंपनियों को होगा नौकरी देने का फायदा
योजना के दूसरे हिस्से में कंपनियों को नए कर्मचारियों को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। अगर कंपनियां 1 लाख रुपए वेतन तक के कर्मचारियों को नियुक्त करेंगी, तो उन्हें हर नए कर्मचारी के लिए 3,000 रुपए प्रति माह की सहायता मिलेगी। यह सुविधा दो साल तक दी जाएगी। खास बात यह है कि विनिर्माण क्षेत्र को यह लाभ तीसरे और चौथे साल तक भी मिलेगा। अगर किसी कंपनी में 50 से कम कर्मचारी हैं, तो उसे कम से कम दो नए कर्मचारियों को नियुक्त करना होगा। वहीं, अगर किसी कंपनी में 50 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं, तो उसे कम से कम पांच नए लोगों को नौकरी देनी होगी। साथ ही, कर्मचारियों को लगातार छह महीने तक काम करना जरूरी होगा, तभी कंपनी को यह लाभ मिलेगा।
सीधे बैंक खाते में मिलेगा पैसा
इस योजना में पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को मिलने वाली राशि सीधे उनके बैंक खाते में ईपीएफओ द्वारा भेजी जाएगी। इसके लिए आधार से जुड़े डीबीटी का इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं, कंपनियों को मिलने वाली सहायता राशि उनके पैन लिंक्ड बैंक खाते में दी जाएगी, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी रहेगी।
आयुक्त ने कहा कि इस योजना से न सिर्फ देश में रोजगार बढ़ेगा, बल्कि वर्कफोर्स को औपचारिक रूप से संगठित करने में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही, लाखों युवाओं को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा। इस योजना का मकसद सिर्फ रोजगार देना नहीं, बल्कि युवाओं को एक मजबूत भविष्य देना भी है।
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