उत्तर कर्नाटक के लिए वरदान बनेगा वर्षावास: आचार्यश्री विमलसागरसूरी
हजारों भक्तों ने इस वर्षावास प्रवेश यात्रा को यादगार बना दिया

आचार्य ने कहा कि हम जन-जन को जगाने का दृढ़ संकल्प लेकर गदग आए हैं
गदग/दक्षिण भारत। आचार्यश्री विमलसागरसूरीश्वरजी और गणि पद्मविमलसागरजी ने अपने श्रमण परिवार के साथ सोमवार को राजस्थान जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के तत्वावधान में वर्षावास के लिए मंगल प्रवेश किया।
स्वागत यात्रा केशवनगर स्थित पंकज बाफना के निवास स्थान से प्रारंभ होकर नगर के मुख्य मार्गों से होती हुई स्टेशन रोड स्थित पार्श्वनाथ जैन मंदिर परिसर में पहुंची। साफा और पारंपरिक वेशभूषा में सज धज कर बैंड की मधुर धुनों पर हर्ष-उल्लास से नाचते हजारों भक्तों ने इस वर्षावास प्रवेश यात्रा को यादगार बना दिया।प्रवेश अवसर पर शामिल होने के लिए स्थानीय सकल जैन समाज के अलावा राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और विशेषकर कर्नाटक के अनेक गांवों-शहरों से हजारों श्रद्धालु गदग पहुंचे। गदग में पिछले सौ साल को दृष्टिगत रखते हुए यह सबसे बड़ा आयोजन था।
चातुर्मास के विविध कार्यक्रमों के लिए बनाए गए विशाल पंडाल पार्श्व बुद्धि वीर वाटिका में स्वागत समारोह और धर्मसभा का आयोजन हुआ। मंगलाचरण के पश्चात लालीदेवी रूपचंद बाफना परिवार और अन्य लाभार्थियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया। तीस बालकों व युवाओं ने सामूहिक भक्तिनृत्यों की मनोहारी प्रस्तुतियां दी। जैन संघ के अध्यक्ष पंकज बाफना और दलीचंद कावड़ ने सभी का स्वागत किया।
समारोह को संबोधित करते हुए आचार्य विमलसागरसूरीश्वरजी ने कहा कि हम जन-जन को जगाने का दृढ़ संकल्प लेकर गदग आए हैं। यह वर्षावास उत्तर कर्नाटक की जनता के लिए वरदान बनेगा। वर्षावास की हर गतिविधि से प्रेरणा और परिवर्तन की निर्मल धारा बहेगी, ऐसा हमारा विश्वास है।
उन्होंने कहा कि गदग के जैन संघ ने हमारे वर्षावास का संकल्प कर बहुत बड़े साहस का परिचय दिया है। किशोर व युवा वर्ग को समाज, राष्ट्र और धर्म की मुख्य धारा से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। इस अवसर पर मुंबई लालबाग के तेजुकाय बिल्डर परिवार ने मंदिर की प्रतिष्ठा, उपाश्रय के उद्घाटन और आगामी वर्षावास के लिए आचार्य विमलसागरसूरीश्वरजी से मुंबई आने का निवेदन किया।
इस मौके पर मैसूरु के जैन चेरिटेबल ट्रस्ट ने त्रिमंज़िला जैन अस्पताल और कॉमर्स कॉलेज के लोकार्पण हेतु संतों से निवेदन किया। हैदराबाद के मुणोत व बाफना परिवार ने नवनिर्मित हंस मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए हैदराबाद पधारने का आग्रह किया।
मुंबई के भंवरलाल पालरेचा परिवार ने सभी श्रमणों को वर्षावास की कंबल अर्पण की। चेन्नई के राजेश भंसाली परिवार ने गुरुपूजन का विधान किया। अनेक जैन संघों ने वर्षावास के बाद जैनाचार्य से अपने-अपने क्षेत्र में पधारने का निवेदन किया।
गणि पद्मविमलसागरजी ने वर्षावास की रूपरेखा समझाई। चेन्नई के मनोज राठौड़ ने समारोह का संचालन किया। जैनाचार्य की प्रतिभा को देखकर स्थानीय वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ, तेरापंथ समाज, कच्छी ओसवाल समाज और दिगम्बर समाज भी इस वर्षावास में श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ के साथ अनुमोदक के रूप में जुड़ा है। ऐसी सामाजिक एकता की सभी ने सराहना की।
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