धर्मांतरण का मायाजाल

बहला-फुसलाकर धर्मांतरण करवा कर कई गिरोह

धर्मांतरण का मायाजाल

ऐसे कृत्य करने वालों को कठोर दंड मिलना चाहिए

उत्तर प्रदेश पुलिस ने धर्म परिवर्तन गिरोह के एक मास्टरमाइंड के खिलाफ कार्रवाई कर सख्त संदेश दिया है। इससे उन लोगों में कुछ भय होगा, जो बहला-फुसलाकर, लालच देकर और डर-धमका कर धर्मांतरण कराते हैं। छांगुर बाबा नामक उक्त शख्स के निशाने पर कई लड़कियां बताई जा रही हैं। आज कई परिवारों का यह हाल है कि माता-पिता दोनों कामकाजी हैं, जिनके पास अपने बच्चों, खासकर बेटियों से बातचीत करने के लिए समय ही नहीं है। उन्हें लगता है कि अच्छे स्कूल-कॉलेज में दाखिला करवा दिया, भोजन-वस्त्र-आवास की सुविधा दे दी, अच्छा मोबाइल फोन और लैपटॉप लाकर दे दिया, तो उनका फर्ज पूरा हो गया! कई घरों में तो हफ्तों या महीनों बीत जाते हैं, लेकिन माता-पिता और बच्चे बैठकर कभी बातें नहीं करते। अगर करते हैं तो सिर्फ पढ़ाई, परीक्षा, नौकरी आदि पर! अपने धार्मिक संस्कारों का जिक्र तक नहीं होता। बहुत कम परिवार ऐसे हैं, जिनमें नियमित रूप से किसी धार्मिक विषय पर चर्चा होती है। पिछले कुछ दशकों में यह भ्रम बहुत जोर-शोर से फैलाया गया है कि जो परिवार धर्म से जितना दूर रहता है, वह उतना ही प्रगतिशील होता है। हालांकि जिन्हें अपने धर्म का कोई ज्ञान नहीं होता या नाममात्र की जानकारी होती है, धर्मांतरण कराने वाले गिरोह उन्हें आसानी से शिकार बना सकते हैं। वे चरणबद्ध ढंग से अपनी बात आगे बढ़ाते हैं। सबसे पहले बहुत आत्मीयता के साथ स्वागत करते हैं, घर-परिवार के बारे में जानकारी जुटाते हैं। अगर कोई व्यक्ति किसी वजह से परेशान है तो उससे हमदर्दी जताते हैं, कुछ मदद भी कर देते हैं। उसके बाद मन में संदेह पैदा करने के लिए कुछ सवाल खड़े करते हैं और अपने नजरिए को सही साबित करने के लिए दलीलें देते हैं। उसे उज्ज्वल भविष्य और परलोक सुधरने का ख्वाब दिखाते हैं। धीरे-धीरे उसे अपने रंग में रंग लेते हैं। वह व्यक्ति अपने परिवार और पूर्वजों के धर्म से विद्रोह करने को आमादा हो जाता है।

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आज सोशल मीडिया पर कई अभिभावक इस बात को लेकर दु:ख जताते हैं कि उन्होंने समय रहते बच्चों की ओर ध्यान नहीं दिया। एक परिवार, जिसके मुखिया का अच्छा कारोबार था, के लड़के ने दीपावली की रात लक्ष्मी पूजन में शामिल होने से इन्कार कर दिया था। पूछताछ में पता चला कि वह कई महीनों से किसी गिरोह के प्रभाव में था। वह आए दिन छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ाई-झगड़े करने लगा था। उसका दावा था कि वह सही है और पूरा परिवार गलत मान्यताओं का पालन करता है। इसी तरह, एक और परिवार की बेटी, जो बहुत प्रतिभाशाली थी और चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई कर रही थी, के इस फैसले से घर में हर कोई हैरान रह गया कि उसने धर्मांतरण कर लिया है और अब अपने पुरुष मित्र से शादी करेगी, जिसके पास उसके हर सवाल का जवाब है। उसने ऐसा किया भी; बाद में वह यूट्यूब चैनल बनाकर उस पर अपनी कहानियां सुनाने लगी। हालांकि इस दौरान उसे महसूस हुआ कि उसने जल्दबाजी में फैसला ले लिया और ऐसी कई बातें थीं, जिनके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी। इसके बावजूद वह अपने चैनल पर होने वाली बहसों में उन बातों का पक्ष लेती थी, क्योंकि अब उसके पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। उक्त गिरोहों के पक्ष में यह दलील खूब दी जाती है कि कई उच्च शिक्षित और मशहूर लोगों ने भी धर्मांतरण किया है, क्या उन्हें हकीकत मालूम नहीं थी? दरअसल, उच्च शिक्षित होना और मशहूर होना इस बात की गारंटी नहीं है कि वह व्यक्ति किसी के बहकावे में नहीं आ सकता या उससे कोई गलत फैसला नहीं हो सकता। हाल में कई उच्च शिक्षित लोग, जिनमें नेता, अभिनेता, वकील, जज, डॉक्टर, बैंक मैनेजर, शिक्षक, पत्रकार आदि हैं, के साथ साइबर ठगी की घटनाएं हो चुकी हैं। ठगों ने उन्हें अपनी बातों में इस कदर उलझाया था कि वे शिकार हो गए। जिन गिरोहों ने धर्मांतरण को धंधा बना लिया है, वे उच्च शिक्षित लोगों को भी शिकार बना सकते हैं। ऐसे कृत्य करने वालों को कानून की ओर से कठोर दंड मिलना चाहिए। साथ ही, परिवारों में ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि बच्चे इनसे सावधान रहें।

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