क्षमा करने वाला व्यक्ति हमेशा शांत, धैर्यवान और संयमी होता है: साध्वी भव्यगुणाश्री
'जो व्यक्ति क्षमा करना जानता है, वह जीवन में सदैव आगे बढ़ता है'

'क्षमा जीवन का एक आभूषण है'
दावणगेरे/दक्षिण भारत। शहर के शंखेश्वर पार्श्व राजेन्द्रसूरी गुरुमंदिर संघ काईपेट में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि हमारा वर्षावास हर वर्ग की भलाई, धार्मिक, आध्यात्मिक विकास, अहिंसा और शाकाहार के प्रचार- प्रसार, बालकों के संस्कार निर्माण तथा आपसी सद्भावना, व्यसन मुक्ति और मानवीय गुणों के जतन के लिए समर्पित है।
साधु-संत बिना मौसम के भी अपने परिचय में आने वाले हर व्यक्ति के जीवन में वसंत की बहार ले आते हैं। मनुष्य जीवन में क्षमा अर्थात् माफ करने का बहुत बड़ा महत्व है। जो व्यक्ति क्षमा करना जानता है वह जीवन में सदैव आगे बढ़ता है, उन्नति प्रगति करता है।क्षमाशील होने का मतलब है सहनशील होना या क्षमा करने वाला। क्षमा जीवन का एक आभूषण है। क्षमा करने वाला व्यक्ति हमेशा शांत प्रकृति का होता है, धैर्यवान होता है, संयमी होता है। वह हृदय से उदार और दयालु होता है।
साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि हर दिन एक अवसर है स्वयं को थोड़ा और शांत, थोड़ा और अच्छा और थो ड़ा और सरल बनाने का। जिसने सरलता को जीवनशैली बना लिया, मानो उसने सफलता को अपने निकट बुला लिया।
संघ के अध्यक्ष पूनमचंद सोलंकी ने बताया कि 11 जुलाई से गौतम कमल लब्धितप प्रारंभ होगा।
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