जैन (डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी) ने कला और कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन किया
प्रतिभागियों को मूर्तिकला, चित्रकला और शिल्प-निर्माण तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया

Photo: JAINDeemedtobeUniversityofficial FB Page
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। देश के शीर्ष रैंक वाले निजी विश्वविद्यालयों में से एक जैन (डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी) ने सेंटर फॉर मैनेजमेंट स्टडीज में पारंपरिक कला, मूर्तिकला, शिल्प और आधुनिक कला पर कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन किया। इस सत्र में विद्यार्थियों और कलाप्रेमियों ने उत्साह से भाग लिया।
शांतामणि कला केंद्र के डीन स्वामी डॉ. अविनाश डी. काटे और कोलकाता के कलाकार बाबुन घोष के नेतृत्व में आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों को मूर्तिकला, चित्रकला और शिल्प-निर्माण तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।डॉ. अविनाश ने कहा, 'हम आपके अंतर्निहित कौशल को प्रकट करने का प्रयास कर रहे हैं। हर कोई प्रतिभा के साथ पैदा होता है। कोई भी कला सीखने से किसी भी क्षेत्र में व्यक्ति को समाज के लिए अच्छा करने के लिए अपनी सकारात्मक ऊर्जा को दिशा देने में मदद मिलेगी।'
जैन (डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी) के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. दिनेश नीलकांत ने कहा, 'ये कार्यशालाएं शिक्षा में कला को एकीकृत करने और विद्यार्थियों को सामाजिक और भावनात्मक रूप से विकसित होने, खुद को अभिव्यक्त करने के लिए सहायक वातावरण देंगी।'
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की प्रमुख डॉ. भार्गवी डी. हेमिगे ने कहा, 'विद्यार्थियों को कला से परिचित कराने के प्रयास में हमारे विवि ने इस अनूठी कार्यशाला की शुरुआत की है। इससे विद्यार्थियों की रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा।'
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