विकसित भारत संकल्प यात्रा में चलने वाला 'विकास रथ' 'विश्वास रथ' में बदल चुका है: मोदी
प्रधानमंत्री ने 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के लाभार्थियों से बातचीत की
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद इतने दशकों तक ट्रांसजेंडर्स को किसी ने नहीं पूछा
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के लाभार्थियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीते नौ वर्षों में हमारा प्रयास रहा है कि वंचितों को वरियता मिले, हर वह नागरिक, जो अब तक विकास की मुख्यधारा से दूर रहा है, उसे जोड़ने की कोशिश की जा रही है। हमारा प्रयास यह है कि लोगों को बिना किसी परेशानी के योजनाओं का लाभ मिले, उनके दरवाजे पर मिले। विकसित भारत संकल्प यात्रा इसी सोच का विस्तार है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा में चलने वाला 'विकास रथ' 'विश्वास रथ' में बदल चुका है, अब उसको लोग 'गारंटी वाला रथ' भी कह रहे हैं। यह विश्वास है कि कोई भी वंचित नहीं रहेगा, कोई भी योजनाओं के लाभ से नहीं छूटेगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा पहले 26 जनवरी तक चलने वाली थी, लेकिन इसको लोगों का इतना समर्थन मिला है और अब लोगों की मांग हैं कि मोदी की गारंटी वाली गाड़ी हमारे गांव में भी आनी चाहिए। इसलिए मोदी की गारंटी वाली गाड़ी को फरवरी में भी चलाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हर किसी को पोषण, स्वास्थ्य और इलाज की गारंटी मिले। हर परिवार को पक्का घर मिले और हर घर में गैस कनेक्शन, पानी, बिजली, शौचालय की सुविधा हो। स्वच्छता का दायरा और बड़ा हो ... हर गली, हर मोहल्ला और हर परिवार उसमें शामिल हो। हर किसी के पास बैंक अकाउंट हो, और स्वरोजगार में आगे बढ़ने का अवसर हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने पारदर्शिता और पूरी ईमानदारी के साथ प्रयास किए हैं। सरकार गरीबों के लिए लगातार काम कर रही है। चार करोड़ से ज्यादा परिवारों को पक्के घर मिले। इनमें से 70 फीसद से ज्यादा घर महिलाओं के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। यह एक और उदाहरण है कि भारत में नारी शक्ति कैसे सशक्त हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद इतने दशकों तक ट्रांसजेंडर्स को किसी ने नहीं पूछा। यह हमारी सरकार है, जिसने पहली बार ट्रांसजेंडर समाज की मुश्किलों की चिंता की, उनका जीवन आसान बनाने को प्राथमिकता दी। हमारी सरकार ने साल 2019 में किन्नर समाज को संरक्षण देने वाला कानून बनाया। इससे किन्नर समाज को समाज में सम्मानजनक स्थान मिला और उनके साथ होने वाला भेदभाव कम हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले स्वयं-सहायता समूह बनाना सिर्फ कागजों तक सीमित था या ज्यादातर नेताओं के कार्यक्रम में भीड़ इकट्ठा करने का माध्यम था। यह हमारी सरकार है, जिसने स्वयं-सहायता समूह को बैंकों से जोड़ा और लोन देने की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख से 20 लाख किया। हमारी सरकार के 10 वर्षों के दौरान करीब 10 करोड़ बहनें स्वयं-सहायता समूह से जुड़ी हैं।