पाक में शहबाज शरीफ के बाद अब कौन संभालेगा प्रधानमंत्री की कुर्सी?

नेशनल असेंबली के भंग होने के बाद शरीफ और रियाज ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए बैठकों का दौर शुरू किया है

पाक में शहबाज शरीफ के बाद अब कौन संभालेगा प्रधानमंत्री की कुर्सी?

शरीफ ने कहा कि उन्हें शुक्रवार को रियाज से मिलना था, लेकिन किन्हीं कारणों से यह मुलाकात नहीं हो पाई

इस्लामाबाद/भाषा। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए शनिवार तक नाम तय करने को कहा है, जिसका तात्पर्य है कि दोनों नेताओं को इस पद के लिए आज ही किसी नेता का नाम चुनना है।

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नेशनल असेंबली के नौ अगस्त को भंग होने के बाद शरीफ और रियाज ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए बैठकों का दौर शुरू किया है।

शरीफ ने शुक्रवार को इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा था कि वे और रियाज शनिवार तक इस पद के लिए किसी नेता का नाम तय कर लेंगे और इस राजनीतिक विचार-विमर्श में पूर्व गठबंधन दलों को भी शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा था, ‘कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले गठबंधन साझेदारों को विश्वास में लिया जाएगा।’

शरीफ ने कहा कि उन्हें शुक्रवार को रियाज से मिलना था, लेकिन किन्हीं कारणों से यह मुलाकात नहीं हो पाई।

शरीफ ने कहा कि वह और रियाज शनिवार को मिलेंगे।

शरीफ और रियाज को लिखे पत्र में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली को नौ अगस्त को भंग कर दिया था।

राष्ट्रपति ने कहा कि अनुच्छेद 224 ए के तहत शरीफ और रियाज को नेशनल असेंबली भंग किए जाने के तीन दिन के भीतर अंतरिम प्रधानमंत्री के पद पर किसी नेता का नाम प्रस्तावित करना है।

पत्र में कहा गया है, ‘संविधान के अनुच्छेद 224 (1ए) के प्रावधान के तहत राष्ट्रपति निवर्तमान प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय असेंबली में निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष के परामर्श से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं।’

अल्वी ने शहबाज शरीफ और रियाज को कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम 12 अगस्त से पहले प्रस्तावित करने का निर्देश दिया।

संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री और विपक्ष के निवर्तमान नेता के पास अंतरिम प्रधानमंत्री पद पर किसी नेता का नाम तय करने के लिए तीन दिन का समय है।

यदि दोनों किसी नाम पर सहमत नहीं होते हैं, तो मामला संसदीय समिति को भेजा जाएगा और यदि समिति भी कोई निर्णय लेने में विफल रहती है तो पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के पास उसे साझा की गई सूची में से कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम चुनने के लिए दो दिन का समय होगा।

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