बालमन को जैसा रूप देना चाहे, दिया जा सकता है: कमल मुनि कमलेश
'हम चाहे जैसा उसका आकर देखकर निर्माण कर सकते हैं'

'वीर अभिमन्यु मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह के संस्कार ले लिए'
चेन्नई/दक्षिण भारत। यहां साहुकारपेट भवन में 12 जुलाई को राष्ट्रसंत कमल मुनि जी कमलेश ने तमिलनाडु जैन कॉन्फ्रेंस युवा शाखा की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करके कहा कि गीली मिट्टी को चाहे जैसा आकार प्रदान किया जा सकता, सूखने के बाद संभावनाएं समाप्त हो जाती है असंभव है। इसी प्रकार बाल कोमल मन को हम चाहे जैसा उसका आकर देखकर निर्माण कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह बालक है क्या समझता है छोटा है नादान है इस प्रकार की धारणा बनाना सबसे बड़ी अज्ञान दशा है। जबकि वहीं उसकी निर्माण की सही अवस्था होती है। उन्होंने कहा कि वीर अभिमन्यु मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह के संस्कार ले लिए, आज विज्ञान भी सिद्ध कर रहा है कि मां के गर्भ में ही बच्चों के शरीर के साथसाथ संस्कार और विचारों का निर्माण भी होता है। माता-पिता जितने संस्कारी चरित्रवान होंगे उतना ही संतान का भविष्य उज्ज्वल बनेगा।उन्होंने कहा, पूत सपूत तो क्यों धन संचय और पुत्र कपुत्र तो क्यों धन संचय। माली जिस प्रकार पौधे की देखभाल करके बाद करता है और इतनी मेहनत समय संस्कार देने के लिए सबको मेहनत करनी पड़ेगी। तभी परिवार समाज और देश का भविष्य उज्ज्वल होगा।
जैन कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली युवा शाखा तमिलनाडु की ओर से ‘गुड लक अकाउंट’ पूरे चेन्नई में बच्चों को संस्कारित करने के लिए चालू किया है। मुख्य अतिथि सुरेश लुणावत एवं अध्यक्षता संजय पीचा ने की। इसे मनीष रांका, आनंद सालेचा, महेंद्र सेठिया, अजीत कोठारी, राकेश बरलोटा, आशीष रांका, धीरज चोरड़ीया और दिलीप गदिया ने लॉन्च किया।
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