मन को विशुद्ध और आशावादी बनाती है भगवान की स्तुति: कपिल मुनि
श्रद्धालुओं ने गुरुदेव के निर्देशन में जप आराधना का लाभ लिया

कार्यक्रम का संचालन मंत्री राजकुमार कोठारी ने किया
चेन्नई/दक्षिण भारत। यहाँ गोपालपुरम में लॉयड्स रोड स्थित छाजेड़ भवन में ओजस्वी वक्ता पूज्य श्री कपिल मुनिजी म.सा. के सानिध्य व श्री जैन संघ, गोपालपुरम-चेन्नई के तत्वावधान में रविवार को तक सर्व सिद्धि प्रदायक श्री भक्तामर स्तोत्र जप अनुष्ठान व रविवारीय विशेष प्रवचन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरुदेव के निर्देशन में जप आराधना का लाभ लिया।
इस मौके पर कपिल मुनिजी म.सा. ने कहा कि संसार में चारों तरफ शक्ति का ही बोलबाला है। पूजा व्यक्ति की नहीं शक्ति की होती है। शक्तिहीन व्यक्ति की पूजा तो क्या पहचान भी नहीं होती है। यह जप अनुष्ठान का आयोजन शक्तिशाली बनने की दिशा में एक सार्थक पुरुषार्थ है। जप साधना में पुरुषार्थ के माध्यम से जीवन पथ को आलोकित करने में मदद प्राप्त होती है।मुनि श्री ने आगे कहा कि जप साधना के प्रति अविचल आस्था और निरंतरता ही हमारे भीतर उस शक्ति केंद्र का निर्माण करती है जिसके सहारे हम अपनी साधना को क्रियावान और प्राणवान बना पाते हैं। उन्होंने कहा कि विपरीत हालात में इंसान जो कुछ भी भोगता है उससे सर्वाधिक प्रभावित उसका मन होता है। दरअसल सुख दुःख को मन ही भोगता है। मन की निराश और हताश दशा व्यक्ति को तोड़ डालती है।
अरिहन्त भगवान की स्तुति का संगान मन को शुद्ध,संयमित और आशावादी बनाने में अहम भूमिका निभाता है। कार्यक्रम का संचालन मंत्री राजकुमार कोठारी ने किया।
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