24,000 करोड़ रु. के वार्षिक परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी मिली
यह कार्यक्रम 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करेगा

टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने में वृद्धि करेगा
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को छह वर्ष की अवधि के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दे दी। इसमें 24,000 करोड़ रुपए के वार्षिक परिव्यय के साथ 100 जिले शामिल होंगे।
केंद्रीय बजट में घोषित यह कार्यक्रम 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करेगा तथा फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने में वृद्धि करेगा।केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी साझा करते हुए, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम धन-धान्य कृषि योजना से फसल के बाद भंडारण में वृद्धि होगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार होगा और कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी।
इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की संभावना है।
नवीकरणीय ऊर्जा में 20,000 करोड़ रु. तक निवेश की अनुमति
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी को साल 2032 तक 60 गीगावाट क्षमता हासिल करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि हेतु 20,000 करोड़ रुपए तक निवेश करने की अनुमति दे दी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) में लिए गए निर्णय के बारे में विवरण साझा किया।
सीसीईए ने एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) में निवेश करने के लिए एनटीपीसी लिमिटेड को विद्युत का प्रत्यायोजन बढ़ा दिया है और इसके बाद, एनजीईएल एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनआरईएल) और इसकी अन्य संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये तक का निवेश कर रहा है, ताकि 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल की जा सके।
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