संयमी साधु-संतों के दर्शन से कष्ट नष्ट हो जाते हैं: आचार्यश्री विमलसागरसूरी

संयम सर्वश्रेष्ठ साधना है

संयमी साधु-संतों के दर्शन से कष्ट नष्ट हो जाते हैं: आचार्यश्री विमलसागरसूरी

आत्मनियंत्रण से बढ़कर इस संसार में कोई शाश्वत उपलब्धि नहीं है

गदग/दक्षिण भारत। बुधवार को राजस्थान जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के तत्वावधान में जीरावला पार्श्वनाथ सभागृह में विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए जैनाचार्य विमलसागरसूरीजी ने कहा कि जैन परंपरा में एक से बढ़कर एक, हजारों त्यागी वैरागी साधु-संतों का आविर्भाव हुआ। करोड़ों अरबों की मिलकत छोड़कर भी उत्तम आत्माएं संयमी बनी।

Dakshin Bharat at Google News
श्वेतांबर मूर्तिपूजक परंपरा में सागर समुदाय के आचार्य कैलाससागरसूरीश्वर भी ऐसी ही एक विरल साधक आत्मा थी। जिनके आभामंडल की दिव्य औरा में चिंता, व्यथा, अशांति, पीड़ा, दुःख, सब दूर हो जाते थे। जो जैन आगमों के साथ साथ षडदर्शन के ज्ञाता थे।

पंजाब लुधियाना में जन्म लेकर जो लाहौर यूनिवर्सिटी से स्नातक बने थे। संस्कृत, प्राकृत, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और प्राच्य भाषाओं के जो मूर्धन्य विद्वान थे। राजस्थान, गुजरात और महारष्ट्र में जिन्होंने अपनी त्यागमयी संयमी जीवनचर्या से गांव-गांव धर्म जागरण किया था। जैन ही नहीं, हजारों अजैन भी उनके भक्त थे।

आचार्य विमलसागरसूरीश्वरजी ने कहा कि संयम सर्वश्रेष्ठ साधना है। आत्मनियंत्रण से बढ़कर इस संसार में कोई शाश्वत उपलब्धि नहीं है। लोग सर्वस्व प्राप्त करने के लिए दिन-रात भागते हैं, जबकि संयमी सब-कुछ छोड़कर, आत्मनियंत्रित निष्पाप जीवन जीने में प्रसन्नता की अनुभूति करता है। 

भोग और योग, संसार के दो किनारे हैं। एक में अपार भूख है, दूसरे में परम परितृप्ति है। पाप प्रवृत्तियों से दूर रहते हुए त्यागवैराग्य के पथ पर गति करना संयम है। ऐसा जीवन देवताओं को भी दुर्लभ है। अपना देश भारत ऐसे त्यागी-वैरागी संयमी साधु-संतों की साधना भूमि है। 

यह भौतिकवादी नहीं, आध्यात्मिकता का पैरोकार रहा है। ऐसे संयमी साधु-संतों की उपस्थिति मात्र से धरा तीर्थ बन जाती है। उनके अनुग्रह से संकट टल जाते हैं, कष्ट नष्ट हो जाते हैं। जहां भी संयमी साधु-संतों की कृपादृष्टि पड़ती हैं, वहां के दुःख दूर हो जाते हैं। इस अर्थ में गुरुतत्व जीवन और संसार का सौभाग्य है।

जैन संघ के विनोद फोलामुथा ने बताया किबुधवार को कषाय जय तप में सभी चार सौ साधकों ने दूसरे चरण का एकासना कर मंत्रजाप किए। हुब्बली, कोप्पल, हरपनल्ली, बैंगलोर, बल्लारी, रायचूर, लक्ष्मीसर, मुंडरगी, पुणे आदि अनेक क्षेत्रों के श्रद्धालु बुधवार को गुरु दर्शनार्थ उपस्थित थे।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

दपरे: गति वृद्धि कार्यक्रम से माल ढुलाई और यात्री परिवहन में हो रहा फायदा दपरे: गति वृद्धि कार्यक्रम से माल ढुलाई और यात्री परिवहन में हो रहा फायदा
Photo: S.W.Railways FB Page
पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा को सुरक्षा बलों ने किया ढेर
कांग्रेस और चिदंबरम वही भाषा बोल रहे हैं, जो पाकिस्तान बोलता है: शिवराज सिंह चौहान
जम्मू-कश्मीर: सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़, 3 आतंकवादी ढेर
भारत को किसी भी क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए: अभिषेक बनर्जी
वियतनामी सैनिकों के शौर्य की गाथा और युद्ध की भयावहता की कहानी कहता हो ची मिन्ह स्थित युद्ध अवशेष संग्रहालय
बिहार का एक गैंगस्टर उप्र पुलिस के साथ मुठभेड़ में ढेर