उच्चतम न्यायालय ने जेईई (मुख्य) और नीट-यूजी परीक्षाएं स्थगित करने के आग्रह वाली याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने जेईई (मुख्य) और नीट-यूजी परीक्षाएं स्थगित करने के आग्रह वाली याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय ने जेईई (मुख्य) और नीट-यूजी परीक्षाएं स्थगित करने के आग्रह वाली याचिका खारिज की

उच्चतम न्यायालय। स्रोत: Supreme Court of India Website

कहा- छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद नहीं किया जा सकता

नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जेईई (मुख्य) अप्रैल, 2020 और नीट-यूजी की सितंबर में होने वाली परीक्षाएं स्थगित करने के लिए दायर याचिका सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद नहीं किया जा सकता और जीवन चलते रहना है।

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न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि छात्रों के शैक्षणिक जीवन को लंबे समय तक जोखिम में नहीं डाला जा सकता।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षाओं के आयोजन का मार्ग प्रशस्त करते हुए पीठ ने कहा, ‘जीवन चलते रहना है। जीवन को आगे बढ़ना है। छात्रों का कीमती साल बर्बाद नही किया जा सकता।’

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि इन परीक्षओं के आयोजन के दौरान पूरी सावधानी और सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।

याचिकाकर्ता छात्रों के वकील ने पीठ से कहा कि इस मामले में राहत के लिए लाखों छात्रों की निगाहें शीर्ष अदालत की ओर लगी हुई हैं और वे चाहते हैं कि सिर्फ इन परीक्षाओं को स्थगित किया जाए।

यह याचिका 11 राज्यों के 11 छात्रों ने दायर की थी। इन छात्रों ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा तीन जुलाई को जारी नोटिस रद्द करने का अनुरोध किया था। इस नोटिस के माध्यम से ही संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) अप्रैल, 2020 और राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट)-यूजी की परीक्षाएं सितंबर में कराने का निर्णय लिया गया था।

एनटीए द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना के अनुसार जेईई (मुख्य) अप्रैल, 2020 की परीक्षा एक से छह सितंबर के दौरान आयोजित होगी जबकि नीटी-यूजी 2020 की परीक्षा 13 सितंबर को होगी।

इस याचिका में कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए कहा गया था कि प्राधिकारियों को स्थिति सामान्य होने के बाद ही परीक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में इन परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

याचिका में दलील दी गई थी कि संकट के इस दौर में इन परीक्षाओं का आयोजन लाखों युवा छात्रों के जीवन को जोखिम में डालने के अलावा कुछ नहीं है। बेहतर होगा कि अभी कुछ समय और इंतजार कर लिया जाए। कोविड-19 संकट खत्म होने दिया जाए।

याचिका में दावा किया गया था कि उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षाएं आयोजित करने वाली एनटीए ने जेईई (मुख्य) अप्रैल, 2020 की परीक्षा ऑनलाइन कराने का फैसला किया है जबकि नीट-यूजी की परीक्षाएं देश के 161 केंद्रों पर ऑफ लाइन प्रक्रिया से होंगी।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि एनटीए ने बिहार, असम और पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ के कारण फंसे लाखों छात्रों की दयनीय स्थिति को भी नजरअंदाज कर दिया है।

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