रावलपिंडी के झूठ का पर्दाफाश
भारतीय मिसाइलों ने अपने लक्ष्यों पर सटीक निशाना साधा था

भारत की ओर से जवाब में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने आईआईटी मद्रास के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए जिन शब्दों में 'ऑपरेशन सिंदूर' की कामयाबी का जिक्र किया, उनकी गूंज सरहद पार भी सुनाई दे रही है। जो पाकिस्तानी मीडिया अब तक रावलपिंडी की नकली जीत की कहानियां सुना रहा था, उसका पर्दाफाश हो चुका है। इस पड़ोसी देश के कई नागरिकों की भी आंखें खुली होंगी कि उन्हें अब तक किस तरह मूर्ख बनाया जा रहा था! 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय मिसाइलों ने अपने लक्ष्यों पर सटीक निशाना साधा था, जिससे खूंखार आतंकवादियों का खात्मा संभव हुआ। पाकिस्तानी मीडिया ने भी स्वीकार किया था कि हमला बहुत जबर्दस्त था। सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें आईं, उनमें स्पष्ट देखा जा सकता है कि जिन इमारतों में आतंकवादी मौजूद थे, उन्हीं को नुकसान हुआ था। कोई मिसाइल अपने लक्ष्य से नहीं भटकी थी। इस कार्रवाई को अंजाम देने में आधा घंटा भी नहीं लगा था। 'ऑपरेशन सिंदूर' भारत की सैन्य और वैज्ञानिक शक्ति का ऐसा प्रमाण है, जिसे देखकर दुनिया के कई देश हैरान हैं। हमने इसके जरिए पाकिस्तान को ही नहीं, ऐसी कई ताकतों को शिकस्त दी है, जो भारत से दुश्मनी रखती हैं। चीन, तुर्किये जैसे देशों के अलावा पश्चिमी देशों की कई कंपनियां अपने नापाक इरादों में विफल हुई हैं। वे भारत को बड़ा नुकसान पहुंचाना चाहती थीं। पश्चिमी मीडिया तो अब तक दुष्प्रचार में लगा हुआ है। वह पाकिस्तान को विजेता की तरह पेश कर रहा है। ऐसे में डोभाल का यह कथन कि 'आप एक तस्वीर दिखाएं जिसमें भारत को कोई नुकसान हुआ हो, एक कांच भी टूटा हो, दुनियाभर की सैटेलाइट इमेजरी में कुछ भी नहीं दिखता', उन मीडिया संस्थानों के झूठ की पोल खोलता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में कुछ ऐसे सबक भी हैं, जिनकी ओर ध्यान देकर भविष्य में होने वाली कार्रवाइयों को और बेहतर बनाया जा सकता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि उक्त ऑपरेशन से पाकिस्तान में हाहाकार मच गया था, लेकिन उसने 'प्रचार युद्ध' के लिए इतनी तैयारी कर रखी थी कि भारत के कई वरिष्ठ पत्रकार धोखा खा गए। पाकिस्तान ने पुरानी और एआई निर्मित सामग्री के दम पर सोशल मीडिया पर भारी भ्रम फैलाया था। भारत को एक मजबूत सूचना युद्ध इकाई बनानी होगी, जो दुश्मन के ऐसे पैंतरों पर नजर रखे और तुरंत उसका जवाब दे। पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों को अपनी मिसाइलों से निशाना बनाने की कोशिश की थी, जिन्हें हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने आसमान में ही नष्ट कर दिया था। वहीं, एलओसी पर उसके द्वारा की गई गोलाबारी से हमारे कुछ सैन्यकर्मियों और आम नागरिकों की जानें गई थीं। रिहाइशी इलाकों को भी नुकसान हुआ था। चूंकि निकट भविष्य में पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज़ आने वाला नहीं है, इसलिए इन इलाकों में ऐसे इंतजाम किए जाएं, ताकि आम नागरिकों का जीवन सुरक्षित हो। घरों में तहखाने और मजबूत बंकर बनाकर ऐसे विकल्प उपलब्ध कराए जा सकते हैं, जिनमें छिपने से लोग अधिक सुरक्षित महसूस करें। पाकिस्तान की यह पुरानी आदत रही है कि वह पहले हमला करता है, जब भारत जवाबी कार्रवाई करता है तो संघर्ष विराम का आग्रह करने लगता है। हालांकि वह उसकी शर्तों का सम्मान नहीं करता। उसके डीजीएमओ ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ऐसा आग्रह किया, लेकिन उसकी फौज एलओसी पर गोलाबारी करती रही। भारत को संघर्ष विराम की शर्तों को और सख्त करना होगा। इन दिनों पाकिस्तान (तुलनात्मक रूप से) थोड़ा 'शांत' है। वह ताकत जुटाने में व्यस्त है। अगर वह दोबारा हिमाकत करे तो भारत की ओर से जवाब में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।About The Author
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