चुनावी वादों को पूरा करने के लिए मानदंड और रूपरेखा तैयार की जा रही: कर्नाटक के मंत्री
गारंटियों को लागू करने के बारे में, बृहस्पतिवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है
खरगे ने कहा, हर योजना एक कसौटी पर आधारित होती है
बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से किए गए वादे के अनुसार पांच 'गारंटियों' को लागू करने के लिए कांग्रेस की नवगठित सरकार पर दबाव बढ़ने के बीच राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री प्रियंक खरगे ने बुधवार को कहा कि इन्हें लागू करने के लिए मानदंड और रूपरेखा तैयार की जा रही है।
उन्होंने कहा कि गारंटियों को लागू करने के लिए मानदंड तय करना होगा, क्योंकि यह करदाताओं के पैसों से जुड़ा हुआ है।
पांच गारंटियों के कार्यान्वयन के मद्देनजर, मुख्यमंत्री सिद्दरामैया आज विधान सौध में अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
गारंटियों को लागू करने के बारे में, बृहस्पतिवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है।
खरगे ने कहा, हर योजना एक कसौटी पर आधारित होती है, इसके कार्यान्वयन में आपका (जनता का) पैसा, करदाताओं का पैसा खर्च होता है। हमें मानदंड तय करना होगा। बताइए कि केंद्र की (नरेंद्र) मोदी सरकार की कौनसी योजना मुफ्त है?
खरगे ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा, मानदंड होगा और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी को लाभ मिले। क्या बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों) को प्राथमिकता देना गलत है? सरकार गरीबों के लिए है।
उन्होंने कहा, गृह ज्योति, गृह लक्ष्मी, युवा निधि को कैसे लागू करना है। मानदंड और रूपरेखा कल (बृहस्पतिवार) तक तैयार कर ली जाएगी, चिंता करने की कोई बात नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने राज्य में विधानसभा चुनावों के दौरान सभी परिवारों को ‘गृह ज्योति’ योजना के तहत 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने, ‘गृह लक्ष्मी’ योजना के तहत हर परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपए की मासिक सहायता देने, गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार के प्रत्येक सदस्य को ‘अन्नभाग्य’ योजना के तहत 10 किलोग्राम मुफ्त चावल देने का वादा किया था।
पार्टी ने राज्य में ‘युवानिधि’ योजना के तहत बेरोजगार स्नातक युवाओं को दो साल तक प्रतिमाह 3000 रुपए और (18 से 25 साल तक की आयु के) बेरोजगार डिप्लोमा धारक युवाओं को हर महीने 1,500 रुपए तहत देने तथा सार्वजनिक बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा मुहैया करने का वादा किया था।
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