दुर्लभ मनुष्य भव का सही उपयोग करें: जयवंत मुनि
'इस जन्म को सफल नहीं किया तो हमारा जन्म दुर्गति का कारण बन जाएगा'

'मनुष्य भव दोबारा नहीं मिलेगा'
चेन्नई/दक्षिण भारत। यहां पुरुषवाक्कम के एएमकेएम में विराजित श्री जयवंत मुनिजी म.सा. ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए में बताया कि हमने लाखों जन्म मरण करके पश्चात पुण्य का उदय हुआ और मनुष्य का जन्म मिला। उत्तम कुल मिला।
जिनवाणी श्रवण का मौका मिला। निर्ग्रंथ गुरु मिले। परमात्मा प्रभु महावीर मिले। फिर भी हमने इस जन्म को अगर सफल नहीं किया तो हमारा जन्म दुर्गति का कारण बन जाएगा। मनुष्य भव दोबारा नहीं मिलेगा। उसका लाभ ले लो क्योंकि जो जिंदगी देवता को भी दुर्लभ है ऐसी जिंदगी हमें मिली है।विपुल संपत्ति और अधिक सफलता के कारण हम प्रभु के दर्शन से वंचित हो गये। प्रभु अगर हमें हाथ दे रहे हैं तो हाथ को पकड़ लो क्योंकि हाथ पकड़ लोगे तो जिंदगी जीते जी सफल हो जायेगी। जहां हमें सफलता मिल गई वहां हम तर्क करने लग जाते हैं। परमात्मा अगर आपको मिल जाएंगे तो आप की सारी दुख और दर्द है मिट जाएंगे।
गुरु सुमति विशाल चातुर्मास समिति के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश तालेड़ा ने बताया कि श्री समकितमुनिजी म.सा. का मौन के साथ तेले की तपस्या गतिमान है और कल लोगस्स के पाठ से महामांगलिक होगा। यह सूचना चातुर्मास समिति के मंत्री विनयचंद पावेचा ने दी।
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