कर्नाटक: छात्राओं ने हिजाब में परीक्षा देने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ को बताया गया
'यदि वे हिजाब पहने होती हैं तो उन्हें परीक्षा हॉल के अंदर जाने की अनुमति नहीं है'
नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में लड़कियों को हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की अनुमति देने संबंधी याचिका पर वह विचार करेगा।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ को बताया गया कि हिजाब पर प्रतिबंध के मुद्दे पर शीर्ष अदालत के खंडित फैसले के बाद, लड़कियों को हिजाब में, नौ मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
वकील शादान फरासत ने कहा, वे हिजाब पहनती हैं। यदि वे हिजाब पहने होती हैं तो उन्हें परीक्षा हॉल के अंदर जाने की अनुमति नहीं है। केवल उस सीमित पहलू पर, अदालत इसे सोमवार या शुक्रवार को सूचीबद्ध करने पर विचार कर सकती है।
फरासत ने पीठ को बताया कि हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के कारण कुछ लड़कियां निजी संस्थानों में चली गई हैं, लेकिन उन्हें सरकारी संस्थानों में अपनी परीक्षा देनी होगी। उन्होंने कहा कि अगर अनुमति नहीं दी गई तो उनका एक और साल खराब हो सकता है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘मैं संज्ञान लूंगा।’ शीर्ष अदालत के विभाजित फैसले के कारण उच्च न्यायालय का फैसला अभी भी प्रभावी है।
पिछले साल 13 अक्टूबर को विभाजित फैसले के चलते हिजाब विवाद का स्थायी समाधान नहीं हो पाया। दोनों न्यायाधीशों ने मामले को एक बड़ी पीठ के समक्ष रखने का सुझाव दिया था।
न्यायालय ने पिछले महीने कहा था कि वह कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध से संबंधित मामले में फैसला सुनाने के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित करने पर विचार करेगा।
About The Author
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List