बेंगलूरु: दस्तकार नेचर उत्सव प्रदर्शनी में हथकरघा कला का जलवा

बेंगलूरु: दस्तकार नेचर उत्सव प्रदर्शनी में हथकरघा कला का जलवा

इस प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न हिस्सों से ग्रामीण बुनकरों के उत्पादों का संगम है


बेंगलूरु/दक्षिण भारत। दस्तकार नेचर उत्सव रेशम, कपास और हस्तशिल्प प्रदर्शनी कर्नाटक चित्रकला परिषद (सीकेपी) में जारी है। शिवानंद सर्किल के पास इस प्रदर्शनी की शुरुआत 10 दिसंबर से हुई थी। यह 19 दिसंबर तक चलेगी।

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इस प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न हिस्सों से ग्रामीण बुनकरों के उत्पादों का संगम है। यहां हथकरघा, पोशाक सामग्री और साड़ियों का विशाल संग्रह है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की सूती साड़ी और बहुत कुछ उपलब्ध है।

प्रदर्शनी में हथकरघा उत्पादों के अलावा आभूषण, चांदी, कुंदन और मीनाकारी का सामान, कपड़ा, हस्तनिर्मित कागज, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर - रत्न, पेंटिंग, चमड़ा शिल्प, हाथ से तैयार की गईं वस्तुएं, लकड़ी, लाख, कांच, पीतल और मूल्यवान धातुओं से बनीं वस्तुएं आकर्षण का केंद्र हैं।

ग्राहकों को हस्तनिर्मित आभूषण, कालीन, दरी, मोजड़ी, संगमरमर की चीजें, पेंटिंग, बंधेज जैसे रंगीन कपड़े और गुजरात की संस्कृति से जुड़ीं चीजें बहुत पसंद आ रही हैं।

प्रदर्शनी में 55 से ज्यादा स्टाल हैं, जहां कर्नाटक की टाई और डाई ड्रेस, उड़ीसा साड़ी, जूट-मलमल की साड़ियां, सोने की कारीगरी, साहा के जानेमाने कलेक्शन और गिफ्ट प्रॉडक्ट उपलब्ध हैं। 

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