संकल्प शक्ति से ही विकास यात्रा संभव है: कमलमुनि कमलेश
अदम्य साहस के साथ विवेक का समावेश कर ले, तो सफलता उसके चरण चूमती है

संकल्प जितना मजबूत और विराट होगा, उतनी ही सफलता शीघ्र मिलेगी
चेन्नई/दक्षिण भारत। यहां साहुकारपेट के जैन भवन में राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने गुरुवार को अपने प्रवचन में कहा कि प्रबल इच्छा शक्ति और अदम्य साहस के साथ विवेक का समावेश कर ले, तो सफलता उसके चरण चूमती है।
उन्होंने कहा कि संकल्प शक्ति का बीजारोपण आत्म भाव में नहीं किया जाता तब तक विकास की यात्रा शुरू नहीं होती। लक्ष्य को लेकर संकल्प लिया जाए, उसके लिए समय का इंतजार ना करें कोई सहयोग नहीं देता व्यवधान पैदा करता, उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। संकल्प जितना मजबूत और विराट होगा उतनी ही सफलता शीघ्र मिलेगी।मुनि कमलेश ने बताया कि जनता जितनी आध्यात्मिक है, उतनी समय और भाग्य के सहारे आलती बनकर अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है, दिशाहीन होकर भटक रही है। आध्यात्मिक व्यक्ति सैनिक डॉक्टर और वैज्ञानिक की तरह आगे बड़े असंभव नाम का कोई शब्द नहीं होता है वही सच्चा धार्मिक है।
राष्ट्र संत ने उसे युक्ति को नकार दिया जिसमें कहा गया समय से पहले और भाग्य से ज्यादा नहीं मिलता है। यदि विज्ञान इसके भरोसे रहता तो क्या इतना आविष्कार संभव हो सकता क्या। यह कहावत आलसी और निकम्मी लोगों की है।
महापुरुषों ने प्रबल पुरुषार्थ के साथ समय को चुनौती देते हुए पहले करके दिखाया है। भगवान महावीर ने कहा 48 मिनट के पुरुषार्थ में व्यक्ति अपने नए नसीब का निर्माण कर सकता है।
चातुर्मास समिति के चेयरमैन सुरेश लुणावत, अध्यक्ष प्रकाश खिंवेसरा और कोषाध्यक्ष जितेंद्र भंडारी आदि ने तपस्वियों का सम्मान किया।
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