नवकार मंत्र का निरंतर जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति संभव: आचार्यश्री प्रभाकरसूरी
नवकार कलश की सम्पूर्ण विधि विधान से स्थापना की गई

नवकार मंत्र का उच्चारण बहुत सरल है
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के महालक्ष्मी लेआउट स्थित चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन मंदिर में चातुर्मासार्थ विराजित आचार्यश्री प्रभाकरसूरीश्वरजी व साध्वी तत्वत्रयाश्रीजी के सान्निध्य में नवकार कलश की सम्पूर्ण विधि विधान से स्थापना की गई।
कलश स्थापना का लाभ राहुलकुमार मुकेश कुमार बंबोरी परिवार ने लिया। नवकार कलश के समक्ष सवा करोड़ नवकार का जाप होगा, जो करीबन 45 दिन तक चलेगा। आचार्यश्री की निश्रा मे 10 अगस्त को होने वाले प्रभु पार्श्वनाथ पद्मावती महापूजन के चढ़ावों की जाजम बिछाने व महापूजन के मुख्य आयोजक का लाभ राहुलकुमार मुकेशकुमार बंबोरी परिवार, महापूजन मे अश्वसेन महाराजा व वामामाता बनने का लाभ कंचनबाई प्रेमचंद नरेशजी बंबोरी परिवार, वाराणासी नगरी के उद्घाटन का लाभ पारसमल शुभमकुमार बंबोरी परिवार ने लिया है।प्रवचन में आचार्यश्री ने कहा कि नवकार मंत्र जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण मंत्र है। इसके उच्चारण करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं जैसे मन की शांति अर्थात नवकार मंत्र का नियमित जाप करने से मन शांत और स्थिर होता है। इससे चिंता, तनाव और दुःख दूर होते हैं। इस मंत्र के जाप से पापों का नाश होता है और पुण्य की वृद्धि होती है।
नवकार मंत्र का निरंतर जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मंत्र के जाप से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है। नवकार मंत्र का जाप करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। नवकार मंत्र का उच्चारण बहुत सरल है।
इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर जपा जा सकता है। यह मंत्र सभी के लिए समान रूप से लाभदायक है। नवकार मंत्र का जाप करने से हमें आत्मिक शांति, मोक्ष की प्राप्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हमें प्रतिदिन नवकार मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित संगीतकार नरेंद्र वाणीगोता ने भजनों की प्रस्तुति दी। जयंतीलाल श्री श्रीमाल ने धन्यवाद दिया।
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