धर्म संसद में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का आह्वान

धर्म संसद में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का आह्वान

उडुपी। मंदिरों के शहर उडुपी में शुक्रवार को शुरु हुई तीन दिवसीय धर्म संसद के पहले दिन अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का मुद्दा छाया रहा। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के बैनर तले आयोजित धर्म संसद में देश भर से हजारों साधु-संत और हिन्दू समुदाय के कई नेता भाग ले रहे हैं। बहुसांस्कृतिक रंगारंग जुलूस के उपरांत विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए उडुपी के पेजावर मठ के परयाय श्री विश्वेशतीर्थ स्वामीजी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण वर्ष-२०१९ में शुरु हो जाएगा। उन्होंने कहा, राम मंदिर का निर्माण एक वर्ष के भीतर शुरु हो जाएगा। मैं आश्वासन दे सकता हूं कि वर्ष-२०१९ में निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा। पेजावर प्रमुख ने घोषणा की कि जल्द ही उडुपी मठ के नए परयाय बन जाएंगे उसके बाद मैं सिर्फ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लक्ष्य के लिए काम करूंगा। उन्होंने कहा, मुझे तब तक शांति नहीं मिलेगी जब तक कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण न हो जाए। धर्म संसद को संबोधित करते हुए विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगि़डया ने कहा कि भारत के हर नागरिक को भारतीय संविधान और धर्मनिरपेक्षता को वास्तविक तरीके से अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हिंदू मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेना संविधान के खिलाफ है और देश के धर्मनिरपेक्ष के लोकाचार का अपमान है। उन्होंने सवाल किया सरकार जो मंदिरों को नियंत्रित करती हैं, एक मस्जिद या एक चर्च को नियंत्रित करने की कोशिश करेगी? उन्होंने कहा कि संतों को मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए संघर्ष करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में गाय भारतीय संस्कृति का हिस्सा रही है जो न सिर्फ पशुधन और कृषि से संबंधित है बल्कि धार्मिक और सामाजिक रूप से भी जु़डाव है। इसलिए भारत में गौवध पर प्रतिबंध का कानून बनना चाहिए। धर्मस्थला के धर्माधिकारी डॉ डी. वीरेन्द्र हेग़डे ने अपने उद्बोधन में हिंदू समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ लाने में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए विश्व हिंदू परिषद की सराहना की। उन्होंने कहा, हिंदू धर्म एक बहुत ही प्राचीन धर्म है जिसका संतों और राजाओं द्वारा संवर्धन किया गया है। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म निरंतर अन्याय, अत्याचार, हमलों और घृणात्मक गतिविधियों के बावजूद मजबूत बना हुआ है। हिन्दू धर्म निरंतर ब़ढता आया है जिसके पीछे इसके विभिन्न ऋषि, गुरु , स्वामीजी, शासक आदि रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के बाद देश में अस्पृश्यता और असमानता के मुद्दों को एक प्रभावी तरीके से दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समय समय पर जाति जैसे चीजें बनीं लेकिन उसके बाद भी देश की एकता बरकरार रही है। उन्होंने कहा कि उडुपी में इस विशाल धर्म संसद के आयोजन की अनुमति देने के लिए मैं पेजावर प्रमुख के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जबकि उनके परयाय की अवधि अब मात्र ५५ दिन शेष है। धर्म संसद के आरंभ के पूर्व उडुपी श्री कृष्ण मठ के पास से एक विशाल शोभा यात्रा निकली जिसमें देश भर से आए मठ प्रमुख और साधु-संतों के अतिरिक्त हजारों की संख्या में आम श्रद्धालु शामिल हुए। रॉयल गार्डन स्थित मुख्य आयोजन स्थल के विशाल मंच पर सुत्तूर मठ के श्री शिवरात्रि दक्षिकेंद्र स्वामीजी ने अन्य गणमान्य जनों की उपस्थिति में धर्म संसद का उद्घाटन किया। वहीं आदिचुनचनगिरि मठ के श्री निर्मलानंदनाथ स्वामीजी ने स्मारिका का विमोचन किया। कर्नाटक सहित देश के कई राज्यों से हजारों की संख्या में साधु -संत धर्म संसद में शामिल होने पहुंचे हैं।

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