स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू जागरुकता अभियान के खुद कसी कमर
स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू जागरुकता अभियान के खुद कसी कमर
चेन्नई। राज्य सरकार ने गुरुवार को डेंगू और चिकनगुनिया से मुकाबला करने के लिए राज्य भर में डेंगू दिवस मनाया। शुरू किया है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गुरुवार से डेंगू प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे और स्वच्छ परिवेश के महत्व के बारे में नागरिकों को शिक्षित करने का प्रयास करेंगे। डेंगू दिवस का शुभारंभ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भाष्कर ने नगरपालिका प्रशासन मंत्री एसपी वेलूमणि और राज्य के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन की मौजूदगी में किया। इस अवसर पर फॉगिंग मशीनों को आवडी क्षेत्र के लिए समर्पित किया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सरकार ने डेंगू नियंत्रण के लिए अभियान शुरु किया है इसका लक्ष्य है आम नागरिकों को अपने आवासीय परिसरों के आस पास रुके हुए पानी को सुखाने के लिए प्रेरित करना और लोगों बीच भी यह संदेश देना कि कैसे एडिस मच्छर से खुद को सुरक्षित रखना है जो दोनों बीमारियों का कारण है। स्वास्थ्य सचिव डॉ जे राधाकृष्णन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। लोगों को अस्वस्थ वातावरण के घातक परिणामों और अपने परिवारों की रक्षा करने के बारे में बताना बहुत जरूरी है। इस बार हम विशेष रूप से अपने कर्मचारियों की मदद से स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि डेंगू के अधिकतम मामनों की सूचना उन क्षेत्रों से की जाती है जहां पर ठीक ढंग से डेंगू जागरुकता अभियान नहीं चलाया गया है। चेन्नई में डेंगू के ब़ढते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को अगले तीन महीने के लिए बिस्तरों की संख्या में १० से २० फीसद का इजाफा करने की इजाजत दी है। साथ ही सरकार ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वह डेंगू और बुखार के किसी भी मरीज के इलाज और उसे भर्ती करने से इनकार न करें। अतिरिक्त बिस्तरों पर केवल डेंगू और बुखार के मरीज लिए जाएंगे।डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य निदेशालय ने सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को बिस्तरों की संख्या में इजाफा करने की इजाजत दे दी है। हालांकि, यह अनुमति इस शर्त के साथ दी जा रही है कि इन बिस्तरों पर केवल डेंगू और बुखार के मरीज दाखिल किए जाएंगे। सभी अस्पतालों को फीवर कॉर्नर तैयार रखने को भी कहा गया है। सरकार ने कहा कि डेंगू पर समर्पित प्रकोष्ठ का गठन किया गया है जो डेंगू से संबंधित उपायों को लागू करेगा। सरकार की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि डेंगू को देखते हुए ३०० से ज्यादा फीवर क्लीनिक तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही ए्प्रिरन, आइब्रूफेन और डिक्लोफेन जैसी दवाओं की बिक्री को डेंगू के दौरान सीमित किया जाएगा क्योंकि ये दवाएं प्लेटलेट्स को कम करती हैं। सरकार ने डेंगू जांच को लेकर निजी प्रयोगशालाओं पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है जिसके अनुसार डेंगू का पता लगाने के लिए की जाने वाली एलिजा जांच ६०० रुपए से ज्यादा की नहीं हो सकती और प्लेटलेट्स की संख्या का पता लगाने वाली जांच ५० रुपए से ज्यादा की नहीं हो सकती। इससे ज्यादा पैसा वसूल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने कहा है कि कॉलेज और स्कूल के विद्यार्थियों के माध्यम से डेंगू की रोकथाम का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।