एसएलबीसी की 152वीं बैठक: कृषि क्षेत्र बना अर्थव्यवस्था की रीढ़
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एसएलबीसी की 152वीं बैठक: कृषि क्षेत्र बना अर्थव्यवस्था की रीढ़
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। विधानसभा के कॉन्फ्रेंस हॉल में सोमवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 152वीं बैठक हुई। इस अवसर पर केनरा बैंक की कार्यकारी निदेशक मणिमेखलाई ने टीएम विजय भास्कर, मुख्य सचिव, कर्नाटक सरकार, वंदिता शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव और विकास आयुक्त, कर्नाटक सरकार, जोस जे कट्टूर, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, नीरज कुमार वर्मा, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड और अन्य गणमान्यजन, बैंकरों और विभागों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर मणिमेखलाई ने कहा, स्कूल, कॉलेजों और बड़े पैमाने पर सामाजिक समारोहों को छोड़कर अधिकांश आर्थिक गतिविधियां सामान्य स्थिति में हैं। कृषि क्षेत्र ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है और लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि संवेदनशील और प्रभावित क्षेत्रों को तत्काल राहत दी गई। अब समय आ गया है कि हमारी अर्थव्यवस्था को भारत सरकार, कर्नाटक सरकार, आरबीआई और नाबार्ड की विभिन्न पुनरुद्धार योजनाओं के जरिए जल्द से जल्द पुनर्निर्मित किया जाए।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया, जैसे कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, 10,000 एफपीओ का कवरेज, कटाई बाद भंडारण के लिए सहयोग, ओडीओपी-वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट अवधारणा के साथ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (एफएमई)। उन्होंने केसीसी डेयरी, मुद्रा, पीएमईजीपी, प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम स्वनिधि योजना में राज्य की उपलब्धियां बताईं।
उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों और वित्तीय धोखाधड़ी पर कर्नाटक सरकार की पहल सराहनीय है और सुझावों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया पहले ही सभी बैंकों तक पहुंचा दी गई है।
उन्होंने सदन में बताया कि बैंकों के साथ ‘फ्रूट्स’ का एकीकरण 22 दिसंबर को नाबार्ड में केनरा बैंक की दो शाखाओं – नेलामंगला और थावारेकेरे में शुरू किया गया। आखिर में उन्होंने बैंकरों को सहयोग के लिए एसएलबीसी की ओर से टीएम विजय भास्कर का आभार व्यक्त किया, जो 30 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
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