उपभोक्ता मंचों के लिए मॉडल नियम दाखिल करे सरकार
उपभोक्ता मंचों के लिए मॉडल नियम दाखिल करे सरकार
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देश में उपभोक्ता अदालतों के कामकाज से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत मॉडल नियम दाखिल करने के लिए केन्द्र सरकार को मंगलवार को चार सप्ताह का और वक्त दे दिया। शीर्ष अदालत ने २१ नवंबर, २०१६ को अपने फैसले में उपभोक्ता अदालतों में अपर्याप्त बुनियादी सुविधाओं और उनके समक्ष मौजूद दूसरी समस्याओं को गंभीरता से लिया था। न्यायालय ने इसमें व्यवस्थित तरीके से सुधार के लिए अनेक निर्देश दिए थे ताकि उपभोक्ता संरक्षण कानून निष्प्रभावी बन कर नहीं रह जाए। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अरिजित पसायत की अध्यक्षता में नियुक्त समिति की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए शीर्ष अदालत ने केन्द्र सरकार को चार महीने के भीतर राज्य सरकारों द्वारा अपनाए जाने के लिए माडल नियम तैयार करने और उन्हें पेश करने का निर्देश दिया था।प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षाता वाली पीठ ने केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल मनिन्दर सिंह के इस कथन पर विचार किया कि वह मॉडल नियम दाखिल करेंगे। साथ ही उन्होंने इस मामले में आवश्यक कदम उठाने के लिए चार सप्ताह और देने का अनुरोध पीठ से किया। पीठ ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुए कहा, आगे कार्यवाही के लिए मामला २७ अप्रैल को सूचीबद्ध किया जाए। इससे पहले, न्यायालय ने देश भर में सभी स्तर पर उपभोक्ता अदालतों में समुचित बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के बारे में उचित निर्देश तैयार करने में अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल की मदद मांगी थी।