बाड़मेर के “जिद्दी’ व पहले आईआईटीयन संजीव सिन्हा बने बुलेट ट्रेन के सलाहकर
बाड़मेर के “जिद्दी’ व पहले आईआईटीयन संजीव सिन्हा बने बुलेट ट्रेन के सलाहकर
बाड़मेर। बचपन से ही किसी भी काम के प्रति जिद्दी स्वभावी, दसवीं कक्षा का टॉपर तथा बारहवीं में स्टेट मेरिट में 8वें नंबर पर रहे राजस्थान के बाड़मेर जिले के संजीव सिन्हा को जापानी रेलवे ने भारत में शुरु होने वाली पहली बुलेट ट्रेन की जिम्मेदारी दी है। टोक्योे में टाटा के फार्मर एग्जिक्यूटिव संजीव को जापान रेलवे द्वारा अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए सलाहकार नियुक्त किया है। उल्लेखनीय है कि बहुप्रतीक्षित इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन अहमदाबाद में 14 सितंबर को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे व भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थित में होना है, यह प्रोजेक्ट वर्ष 2023 तक पूरा होगा।
बाड़मेर शहर की अंबेडकर कॉलोनी निवासी तथा ग्रिफ में नौकरी करने वाले वीरेन्द्र सिन्हा के दो होनहार पुत्र संजीव व राजीव। बगैर कोचिंग के सेल्फ स्टडी के जरिए ही संजीव के बारहवीं के बाद पहली ही कोशिश में आईआईटी में चयनित होने पर एक पिता के रुप में वीरेन्द्र सिन्हा ने कर्ज लेकर उसकी पढ़ाई पूरी कराई। उनके दूसरे पुत्र राजीव सूरत के एक बैंक में एजीएम पद पर कार्यरत हैं। बेहतरीन परफोर्मेंस के साथ आईआईटी में पहली ही कोशिश में वर्ष 1989 में चयनित हुए व कानपुर में पांच साल की मेहनत के बाद आईआईटीयन बने संजीव जापान के टोक्यो में अनेक कंपनियों में काम करने के बाद टाटा में एग्जिक्यूटिव बने। संजीव ने 25 वर्ष पूर्व अपनी मां से किए वादे को पूरा कर दिखाया। उन्होंने जापान में ही शादी की, उनकी एक बेटी है।वीरेन्द्र सिन्हा सरीखे एक पिता ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा देश की पहली बुलेट ट्रेन का सलाहकार बनेगा। निश्चित रुप से उन्हें ही नहीं पूरे देश को उनके पुत्र की इस कामयाबी पर गर्व है।