समाज की उन्नति के लिए जनसंख्‍या नियंत्रण प्राथमिक शर्त: योगी आदित्यनाथ

समाज की उन्नति के लिए जनसंख्‍या नियंत्रण प्राथमिक शर्त: योगी आदित्यनाथ

समाज की उन्नति के लिए जनसंख्‍या नियंत्रण प्राथमिक शर्त: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ। फोटो स्रोत: फेसबुक वीडियो।

लखनऊ/भाषा। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को कहा कि बढ़ती जनसंख्या समाज में व्याप्त असमानता और अन्य समस्याओं की जड़ है और समाज की उन्नति के लिए जनसंख्‍या नियंत्रण प्राथमिक शर्त है।

मुख्यमंत्री ने रविवार को यहां पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के अवसर पर ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ का लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बढ़ती जनसंख्या की समस्या के प्रति स्वयं तथा समाज को जागरुक करने का प्रण लेने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के अंदर इस विषय को लेकर समय समय पर चिंता व्यक्त की गई कि बढ़ती जनसंख्या विकास में कहीं न कहीं बाधक हो सकती है और उस पर अनेक मंचों से पिछले चार दशकों से निरंतर चर्चा चल रही है।

उन्होंने कहा, ‘जिन देशों ने, जिन राज्यों ने इस दिशा में अपेक्षित प्रयास किए उनके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। इसमें और भी प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा, ‘उप्र की जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है, समाज के सभी तबकों को ध्‍यान में रखकर इस नीति को प्रदेश सरकार लागू कर रही है। वास्तव में जनसंख्या नियंत्रण का जो प्रयास है वह समाज की व्यापक जागरुकता के साथ जुड़ा हुआ है।’

उन्होंने कहा कि हर तबके को इस जागरुकता अभियान के साथ जोड़ना पड़ेगा। चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य व परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह और चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्‍ना ने भी समारोह को संबोधित किया। अपर मुख्‍य सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि यह जनसंख्‍या नीति अत्‍यंत समावेशी है, प्राकृतिक संसाधनों के साथ जनसंख्या का संतुलन जरूरी है। उन्होंने कहा कि 40 साल में जनसंख्या दोगुने से भी ज्यादा बढ़ी है, इसलिए आवश्यक है कि जनसंख्‍या नियंत्रण के लिए प्रयास किए जाएं, जिससे सर्वजन सुखाय-सर्वजन हिताय के दृष्टिकोण को साकार किया जा सके।

गौरतलब है कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाएगा। राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है।

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