किसानों का ऋण माफ करने से क्यों कतरा रही है मप्र सरकार?: सिंधिया

किसानों का ऋण माफ करने से क्यों कतरा रही है मप्र सरकार?: सिंधिया

भोपाल। यहां बुधवार से ‘सत्याग्रह’’ पर बैठे कांग्रेस सांसद एवं मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य ने कहा कि जब भाजपा शासित उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में किसानों का ऋण वहां की सरकारों ने माफ कर दिया है, तो मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार किसानों का ऋण माफ करने से क्यों कतरा रही है? किसान आंदोलन के समर्थन एवं भाजपानीत मध्यप्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार शाम तीन बजे से भोपाल के टी टी नगर स्थित दशहरा मैदान में ‘सत्याग्रह’’ पर बैठे सिंधिया ने कहा, जब भाजपानीत उारप्रदेश एवं महाराष्ट्र की सरकारों ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया है, तो तब उसी पार्टी की सरकार मध्यप्रदेश में कर्ज माफी से क्यों कतरा रही है? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए कई वादे किए हैं और मोदी ने यह नारा भी दिया है ‘अबकी बार किसानों की सरकार’’। सिंधिया ने कहा, चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए एक के बाद एक वादे किए। अब केन्द्र सरकार कह रही है कि राज्य सरकारों को किसानों की ॠण माफी करनी है, तो उन्हें खुद ही अपने-अपने राज्यों के बजट से इस ॠण माफी के लिए पैसे का इंतजाम करना होगा। केन्द्र सरकार इसके लिए एक ढेला नहीं देगा। उन्होंने कहा कि देश में प्रति वर्ष सैक़डों किसान कर्ज से परेशान होकर एवं अपनी उपजों के वाजिब दाम न मिलने के कारण आत्महत्याएं कर रहे हैं, लेकिन फिर भी केन्द्र सरकार किसानों की कर्ज माफी न करने के लिए अक़डी हुई है।लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक सिंधिया ने मध्यप्रदेश सरकार पर मंदसौर में किसानों की हत्या करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में किसानों की हत्या करने के दस दिन बाद भी प्रदेश सरकार ने इसके लिए जिम्मेदार किसी भी दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। सरकार यह बताने में असफल रही कि किसानों पर गोलीबारी करने के आदेश किसने दिए। वे कुछ नहीं कह सकते हैं, क्योंकि किसानों को राज्य सरकार के आदेश पर गोली चलाकर मारा गया है। सिंधिया ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजन को एक-एक करो़ड रुपए मुआवजा, मृतक किसान के एक परिजन को सरकारी नौकरी एवं अन्य मदद कर उन्हें शांत कराने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से आठ रुपए प्रति किलोग्राम की दर से जो प्याज खरीदा जा रहा है, उसमें भी कुप्रबंध है। सिंधिया के सत्याग्रह का गुरुवार को दूसरा दिन है। जिस मंच पर सिंधिया सत्याग्रह के लिए बैठे हैं, उस मंच पर महात्मा गांधी की तस्वीर के अलावा किसान आंदोलन के दौरान छह जून को मंदसौर जिले में मारे गए छह किसानों की फोटो भी रखी गई हैं।गौरतलब है कि छह जून को किसान आंदोलन के उग्र होने के दौरान मंदसौर जिले के पिपलियामंडी में पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, मंदसौर जिले के बडवन गांव में २६ वर्षीय एक और किसान की मौत हुई थी। स्थानीय लोगों ने नौ जून को आरोप लगाया कि उसे पुलिस ने बुरी तरह से पीटा था, जिससे उसकी मौत हुई है।मध्यप्रदेश के किसान अपनी उपज के वाजिब दाम सहित २० मांगों को लेकर एक जून से १० जून तक आंदोलन पर थे और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश में हिंसा, आगजनी, तोडफोड एवं लूटपाट की कई घटनाएं की।प्रदेश में हुई इस हिंसा से आहत होकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में शांति बहाली के लिए १० जून को भोपाल स्थित भेल दशहरे मैदान पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे, लेकिन करीब २८ घंटे बाद अगले ही दिन उन्होंने अपना अनशन यह कह कर तो़ड दिया था कि अब प्रदेश में शांति बहाली हो गई है।

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