संसद में सरकार ने माना, ‘रोहिंग्या देश के लिए गंभीर खतरा, वापस भेजे जाएंगे म्यांमार’
संसद में सरकार ने माना, ‘रोहिंग्या देश के लिए गंभीर खतरा, वापस भेजे जाएंगे म्यांमार’
देश में कई स्थानों पर रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं। उनकी वजह से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। रोहिंग्याओं को लेकर कई आशंकाएं व्यक्त की जाती रही हैं। म्यांमार में ये जिस इलाके में रहते थे, वहां अलगाववाद की समस्या पैदा हो चुकी है।
नई दिल्ली। असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के मामले के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया है कि रोहिंग्याओं को वापस उनके देश भेजा जाएगा। संसद में उठे इस मुद्दे पर उन्होंने कहा है कि राज्य सरकारों को रोहिंग्या शरणार्थियों की गिनती करनी होगी। उन्होंने बताया कि राज्यों को रोहिंग्याओं के संबंध में एडवायजरी जारी की गई है। गृह मंत्री ने कहा कि रोहिंग्याओं की संख्या आदि के बारे में राज्य सरकारें गृह मंत्रालय को सूचना दें।
इस सूचना के आधार पर विदेश मंत्रालय को जानकारी दी जाएगी। फिर विदेश मंत्रालय म्यांमार से वार्ता कर रोहिंग्याओं को उन्हें सौंपने के लिए आवश्यक कार्यवाही करेगा। इसके लिए उन्होंने रोहिंग्याओं की पहचान को जरूरी बताया। गृह मंत्री ने कहा है कि बायोमीट्रिक जांच प्रणाली से रोहिंग्याओं की पहचान हो सकती है।वहीं गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू रोहिंग्याओं को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया। रिजिजू ने कहा है कि रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। ये काफी बड़ी संख्या में हैं। इनसे देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा है कि सरकार देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं कर सकती। इसके लिए म्यांमार की सरकार से वार्ता होगी और रोहिंग्याओं को वापस उनके देश भेज दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि देश में कई स्थानों पर रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं। उनकी वजह से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। रोहिंग्याओं को लेकर कई आशंकाएं व्यक्त की जाती रही हैं। म्यांमार में ये जिस इलाके में रहते थे, वहां अलगाववाद की समस्या पैदा हो चुकी है। आज जबकि हमारा देश कश्मीर में अलगाववाद, आतंकवाद और कई जिलों में नक्सली समस्या से जूझ रहा है, तब एक और समस्या अपने लिए पैदा करना ठीक नहीं है। रोहिंग्याओं को शांतिपूर्वक म्यांमार भेज देना चाहिए।
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