राजस्थान के कोटा में एक बैंक की रिलेशनशिप मैनेजर द्वारा ग्राहकों के खातों से लगभग 4.58 करोड़ रुपए निकालकर शेयर बाजार में लगा देने की घटना आम लोगों के विश्वास पर गहरी चोट है। हाल के वर्षों में ऐसी कई घटनाएं सामने आईं, जिनमें बैंक के कर्मचारी ही ग्राहकों को चूना लगाते पाए गए। किसी ने ग्राहकों के खातों से रुपए निकालकर ऑनलाइन जुआ खेला, सट्टा लगाया, तो किसी ने बैंक खातों संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारी साइबर ठगों को सौंप दी। इन घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को सख्त सजा देने के अलावा बैंकों की कार्य प्रणाली में कई सुधार करने होंगे। एक ओर जहां कोई बैंक किसी व्यक्ति की योग्यता और कर्मठता देखकर उसे नौकरी देता है, उस पर विश्वास कर अपनी रकम और ग्राहकों से संबंधित जिम्मेदारी सौंपता है। वहीं, कुछ लोग नौकरी पाने के बाद बैंक और ग्राहक, दोनों से धोखाधड़ी करते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि कुल कर्मचारियों की तुलना में उनकी तादाद बहुत कम होती है। बैंकों के ज्यादातर कर्मचारी खूब मेहनत करते हुए अपने कर्तव्य निभाते हैं। भारत को दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। अगर लाखों कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों में से दो-चार भी ऐसे निकल आएं, जो जल्द धनवान बनने के लिए खातों में सेंध लगाते हों, तो ग्राहकों का विश्वास डगमगा जाता है। जब एक बार यह जानकारी बाहर आ जाती है कि फलां बैंक शाखा के कर्मचारी ने ग्राहकों के धन पर हाथ साफ कर दिया तो उस व्यक्ति से ज्यादा बैंक की प्रतिष्ठा को नुकसान होता है।
नवंबर 2021 में हिमाचल प्रदेश में एक बैंक शाखा के मैनेजर का मामला खूब चर्चा में रहा था, जिसने ग्राहकों के खातों से रुपए निकालकर ऑनलाइन जुआ खेला और शेयर बाजार में भी निवेश कर दिया था। उस पर एक करोड़ रुपए की हेराफेरी करने का आरोप लगा था। उसे जुआ खेलने का ऐसा चस्का लगा कि अपनी जमा-पूंजी भी हार गया था। दिसंबर 2021 में मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में कार्यरत एक बैंक कैशियर ने ग्राहकों के खातों से लाखों रुपए निकालकर ऑनलाइन जुआ खेला था। उसे भारी नुकसान हुआ तो जहरीला पदार्थ खा लिया। दिसंबर 2022 में केरल में एक शाखा मैनेजर को गिरफ्तार किया गया, जिसने बैंक में करोड़ों रुपए का घोटाला किया था। पता चला कि खाताधारक बैंक शाखा में रकम जमा कराते रहे, जबकि मैनेजर साहब उससे ऑनलाइन जुआ खेलते रहे! फरवरी 2023 में बिहार के नवादा में एक बैंक मैनेजर की लाश मिली थी। जब मामले की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि मैनेजर ऑनलाइन जुआ खेलने का शौकीन था। वह इस वजह से भारी कर्ज में डूब गया और गलत कदम उठा लिया था। फरवरी 2023 में कर्नाटक के हावेरी कस्बे में एक बैंक शाखा के सहायक मैनेजर को 2.36 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसने भी ऑनलाइन जुआ खेला था। सितंबर 2024 में राजस्थान के अलवर की एक बैंक शाखा का विचित्र मामला सामने आया था, जिसमें महिला कर्मचारी पर 99 लाख रुपए अपने रिश्तेदारों और परिचितों के खातों में अवैध तरीके से डालने का आरोप लगा था। पता चला कि उस कर्मचारी का पति जुआरी था, जो बड़ी रकम हार गया था। मार्च 2025 में मध्य प्रदेश के बैतूल में एक बैंक शाखा के ग्राहकों में उस समय हड़कंप मच गया, जब उन्हें पता चला कि कुछ कर्मचारियों ने खातों से रुपए निकालकर आईपीएल में सट्टा लगा दिया। इन मामलों के साथ संबंधित बैंक कर्मचारियों की जुआ-सट्टा खेलने और जल्द धनवान बनने की ख्वाहिश जुड़ी दिखाई देती है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बैंकों को आंतरिक सुरक्षा प्रणाली मजबूत करने के साथ ही ऐसे कर्मचारियों को लेकर खास सावधानी बरतनी होगी, जिन्हें जुआ-सट्टा खेलने की आदत है। जिस व्यक्ति को इन बुराइयों का चस्का लग जाता है, वह मौका लगने पर धोखा भी दे सकता है। बैंकों को इस संबंध में सख्त नियम बनाकर अपने ग्राहकों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।