संकल्पों से जीवन बनता है सुरक्षित और सफल: आचार्यश्री विमलसागरसूरीश्वर

आषाढ़ी चतुर्दशी पर हुई वर्षावास की विधिवत शुरुआत

संकल्पों से जीवन बनता है सुरक्षित और सफल: आचार्यश्री विमलसागरसूरीश्वर

पार्श्वनाथ जिनालय में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए

गदग/दक्षिण भारत। यहां बुधवार को भोर वेला में प्रतिक्रमण के साथ आषाढ़ी चतुर्दशी के विधानों की शुरुआत हुई। शुद्ध परिधान में विशिष्ट पूजा-अर्चना और आरती के लिए पार्श्वनाथ जिनालय में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए। 

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प्रातः नौ बजे गुरुवंदना और बड़े मंगलपाठ के साथ वर्षावास की पहली धर्मसभा आयोजित हुई। समभाव की साधना के रूप में सामयिक व्रत ग्रहण कर लोगों ने भावपूर्वक जिनवाणी का श्रवण किया। 

सैकड़ों की संख्या में साधकों ने एकासना, आयंबिल और उपवास का तप किया। बुधवार को आषाढ़ी चतुर्दशी के दिन वर्षावास की विधिवत शुरुआत करते हुए नगर के जीरावला पार्श्वनाथ जैन सभागृह में जैनाचार्य ने साधकों को आध्यात्मिक विकास के सोपान बताए। 

इस मौके पर आचार्यश्री ने कहा कि जिस तरह ब्रेक गाड़ी की सुरक्षा के लिए होते हैं, बिना ब्रेक की गाड़ी दुर्घटना ले आती है; उसी तरह बिना नीति-नियमों का जीवन बर्बाद हो जाता है। मर्यादाएं जीवन की सुरक्षा है। नीति-नियम बंधन नहीं हैं, अपितु उपकारक हैं।

छोटे-छोटे संकल्पों से जीवन सफल, मज़बूत और सुरक्षित बनता है। यदि समय-समय पर इस बात के प्रयोग किए जाएं तो पाएंगे कि जीवन की सफलता व सुरक्षा में शुभ संकल्पों और नीति-नियमों की बहुत बड़ी भूमिका है।

आचार्यश्री ने कहा कि साधु-साध्वियों और संत-सतियों का वर्षायोग श्रावक-श्राविका वर्ग के धर्म जागरण का द्योतक है। समाज, धर्म और आध्यत्म के अनेकविध आयोजन इसी समय सफल होते हैं।

भगवान महावीरस्वामी से चली आ रही वर्षावास की इस प्राचीन परंपरा ने समाज, राष्ट्र और जीवसृष्टि को बहुत कुछ दिया है। उन्होंने कहा कि संकल्प आत्मविश्वास को प्रबल बनाते हैं। वे मनुष्य को भटकने से बचाते हैं। संकल्पों और मर्यादाओं से जीवन की नीति-रीति का निर्माण होता है। 

जहां मर्यादाएं नहीं होती, वहां मनस्विता मनुष्य को मार्गभ्रष्ट कर देती है। शुभ संकल्प मनुष्य का सुशोभन है। नीति-नियमों की निर्मल भावधारा में बंधा जीवन गौरवशाली है। संघ के अध्यक्ष पंकज बाफना ने बताया कि गणि पद्मविमलसागरजी और सहवर्ती श्रमणों ने धर्म अनुष्ठान संपन्न कराए। मंत्री हरीश गादिया ने बताया कि गुरुवार को गुरुपूर्णिमा का महोत्सव मनाया जाएगा।

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