वायनाड में भूस्खलन से 84 लोगों की मौत
प्रधानमंत्री ने संकट से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया
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वायनाड/दक्षिण भारत। केरल के वायनाड के ऊंचे गांवों में मंगलवार को हुए भीषण भूस्खलन से नष्ट हुए मकान, उफनते जलाशय और उखड़ी हुई पेड़ों की टूटी शाखाएं दिखाई दे रही हैं।
सोमवार तक अपनी सुंदरता के लिए पहचाने जाने वाले सुरम्य गांव - मुंदक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा - अब भूस्खलन के कारण अन्य स्थानों से कट जाने के कारण उदासी में डूबे हुए हैं।बाढ़ के पानी में बह गए वाहन कई स्थानों पर पेड़ों के तने में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखे जा सकते हैं।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, 84 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, कई लोग घायल हुए हैं।
इससे पहले आठ लोगों के जान गंवाने की पुष्टि हुई थी। उनमें तीन बच्चे भी थे। अधिकारियों ने बताया कि एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत जिले के चूरलमाला कस्बे में हुई, जबकि नेपाल से आए परिवार के एक वर्षीय बच्चे की मौत थोंडरनाड गांव में हुई।
अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा पोथुकल गांव के निकट एक नदी के किनारे से पांच वर्षीय बच्चे सहित तीन शव बरामद किए जा चुके हैं।
राज्य सरकार ने कहा है कि एनडीआरएफ की कई टीमें, दो हेलीकॉप्टर और अन्य बचाव दल मुंदक्कई की ओर बढ़ रहे हैं, जो वायनाड जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन के कारण पूरी तरह से कट गया है।
राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि एनडीआरएफ की एक टीम मुंदक्कई की ओर बढ़ते हुए मलबा हटाने और पहुंच बनाने के लिए काम कर रही है। राजन ने बताया कि कोल्लम, अराकोनम और बेंगलूरु से एनडीआरएफ की तीन और टीमें भी वहां पहुंच रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूस्खलन में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को संकट से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजन को 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। घायलों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे।