सहिष्णुता का नया सूर्योदय
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन ऐतिहासिक घटना है
हाल में सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने भी ऐसे कई बदलाव किए हैं
सनातन धर्म की ध्वजा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भी लहराएगी। अरब भूमि पर वैदिक मंत्र गूंजेंगे, घंटियों की कर्णप्रिय ध्वनि और मंगल गीत सुनाई देंगे। धूप-दीप से वातावरण सात्विक होगा। भगवान के भजनों और जयकारों का संदेश हर दिशा में जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन ऐतिहासिक घटना है। मंदिर-निर्माण के लिए संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान का सहयोग अत्यंत प्रशंसनीय है। उनकी उदारता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब मंदिर के लिए जमीन की बात चल रही थी तो उन्होंने कहा, ‘जिस जमीन पर लकीर खींच देंगे, वह दे दूंगा।’ ऐसे उदार शासक यशस्वी होते हैं। उनकी कीर्ति संपूर्ण विश्व में फैलती है। किसी अरब देश में मंदिर का निर्माण होना कोई सामान्य बात नहीं है। वहां ऐसे कार्यों का विरोध करने वाले तत्त्व मौजूद होते हैं, लेकिन यूएई के राष्ट्रपति ने जिस तरह सहयोग किया, वह अद्भुत है। आज अरब देशों में लोग सनातन धर्म को बहुत ध्यान से देख रहे हैं। भारतीय संस्कृति, वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, योग, आयुर्वेद, ज्योतिष ... आदि में उनकी रुचि बढ़ती जा रही है। वे यह भी देख रहे हैं कि सनातन धर्म किसी एक देश या एक समुदाय की नहीं, बल्कि सबके कल्याण की बात करता है। ऐसा दर्शन अन्यत्र दुर्लभ है।
पिछले कुछ वर्षों में अरब देशों में नई सोच और नई दृष्टि रखने वाले राजनेताओं का उदय हुआ है। वे अपने देशों के दरवाजे हर समुदाय के लिए खोल रहे हैं। वे भविष्य की ऊर्जा व पर्यावरण संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इमारतें बनवा रहे हैं। पहले जहां महिलाओं को कार चलाने और दफ्तरों में कामकाज करने की अनुमति नहीं दी जाती थी, अब हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। जनता के लिए संगीत व नृत्य संबंधी आयोजन करवाए जा रहे हैं। सख्त कानूनों को नरम किया जा रहा है। वास्तव में ये कदम दूरदर्शी शासकों की निशानी हैं। आधुनिक शिक्षा प्राप्त और दुनिया की दशा व दिशा को समझने वाले ये शासक जानते हैं कि भविष्य में तेल की कमाई घटने वाली है। ऊर्जा के नए विकल्प सामने आ रहे हैं। लिहाजा वे पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों के दफ्तर खोल रहे हैं। वे देशवासियों को बहु-सांस्कृतिक समाज से परिचित करवा रहे हैं। उनमें सहिष्णुता का प्रसार कर रहे हैं। हाल में सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने भी ऐसे कई बदलाव किए हैं। आश्चर्य की बात है कि इसके लिए सऊदी की जनता तो उनकी प्रशंसा कर रही है, लेकिन पाकिस्तान में विरोध किया जा रहा है! अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का भी पाक में काफी लोग विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया ऐसी नकारात्मक टिप्पणियों से भरा पड़ा है, लेकिन यूएई, सऊदी अरब जैसे देशों में लोग इस मंदिर-निर्माण का स्वागत कर रहे हैं। भारतीय यूट्यूबरों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को इस मामले में विशेष सावधानी बरतनी होगी। यह मंदिर सद्भाव, प्रेम एवं शांति का प्रतीक है। यह सहिष्णुता एवं मानवता का प्रतीक है। यह मंदिर हमें विनम्र रहना भी सिखाता है। इसलिए भावावेश में आकर न तो कोई अनुचित टीका-टिप्पणी करें और न कोई गर्वोक्तिपूर्ण दावा करें। सनातन धर्म सबके सुखी होने, सबके स्वस्थ होने और सबका भला चाहने का संदेश देता है। यही हमारे विचारों, शब्दों और कार्यों से भी प्रदर्शित होना चाहिए।