निवेश में सतर्कता बरतें
देश के विभिन्न राज्यों में हर साल ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें कई लोगों को चूना लगाया गया
कई लोगों ने तो रातोंरात करोड़पति बनने का ख्वाब देखा, फिर ब्याज पर रुपए उठाए और आखिर में पछताते रह गए
बेंगलूरु पुलिस ने 854 करोड़ रुपए के जिस साइबर धोखाधड़ी मामले का भंडाफोड़ कर छह लोगों को गिरफ्तार किया है, उसमें निवेशकों के लिए सतर्कता संबंधी कई सबक हैं। आश्चर्य होता है कि लोगों ने भारी मुनाफे को लेकर सोशल मीडिया पर किए गए वादों को सच मान लिया और आरोपियों को मोटी रकम भेज दी! किसी के मन में यह सवाल क्यों नहीं पैदा हुआ कि अगर ये लोग कम निवेश पर इतना ज्यादा मुनाफा दे रहे हैं तो अपनी ही रकम लगाकर कमाई क्यों नहीं कर लेते? इन्हें जनता से रकम क्यों चाहिए?
आरोपी यह कहते हुए निवेश का झांसा देते थे कि 1,000 रु. से 10,000 रु. तक की छोटी रकम का निवेश करें और बदले में हर दिन 1,000 से 5,000 रु. कमाएं! क्या उनके पास जादू का कोई चिराग था या रुपयों का पेड़ लगा रखा था? अगर ऐसी कोई योजना होती तो जाने-माने अर्थशास्त्री यह नुस्खा सबको बता देते और अब तक दुनिया में हर कोई अरबपति हो जाता। स्पष्ट है कि यह ठगी का जाल था, जिसमें लालच का चारा लगाकर निवेशकों को फंसाया गया।
यह इस किस्म की पहली घटना नहीं है। देश के विभिन्न राज्यों में हर साल ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें कई लोगों को चूना लगाया गया। फिर भी लोग सबक नहीं लेते और ठगों को अपनी मेहनत की कमाई सौंपकर मुनाफे की उम्मीद लगा लेते हैं। पहले, कई ठग सोना-चांदी दुगुना करने के नाम पर लोगों को खूब लूटते थे। ऐसी कई कहानियां हैं, जिनसे पता चलता है कि लोगों ने ठगों की बातों में आकर गहने, सिक्के आदि उनके हवाले कर दिए थे। महीनेभर बाद जब पिटारा खोलकर देखा तो वहां कंकर मिले।
पिछले कुछ वर्षों से ऐसी 'योजनाओं' के पीड़ित अपना दुखड़ा सुनाते मिल जाते हैं कि उनके किसी परिचित ने बताया कि मालामाल बनाने वाली नई स्कीम आई है, जिसमें इतने रुपए लगाओ, दूसरे लोगों को जोड़ो ... आसान शब्दों में कहें तो 'इसकी टोपी उसके सिर' रखो! फिर भारी मुनाफे के साथ लॉटरी में कोई इनाम निकलेगा।
इस झांसे में आकर बहुत लोगों ने जीवनभर की कमाई गंवा दी। कई लोगों ने तो रातोंरात करोड़पति बनने का ख्वाब देखा, फिर ब्याज पर रुपए उठाए और आखिर में पछताते रह गए। अब सोशल मीडिया ने ठगों का काम और ज्यादा आसान कर दिया है। वे लुभावनी योजनाओं में निवेश और जोरदार मुनाफे का वादा करने वाली पोस्ट डाल देते हैं। उसके बाद लोग उनके पास खिंचे चले आते हैं।
वास्तव में ठग जानते हैं कि 'ईज़ी मनी' लोगों की कमजोरी है। अगर कोई यह कहता है कि 'मेहनत व ईमानदारी से धन कमाएं तथा उसे विश्वसनीय योजना में निवेश करें', तो उसकी बात बहुत कम लोगों को आकर्षित करेगी। वहीं, अगर कोई यह कहे कि 'चुटकियों में धन कमाएं और तगड़ी योजना में निवेश कर कुछ ही दिनों में बैठे-बैठे मालामाल हो जाएं', तो हर किसी का ध्यान उसकी ओर जाएगा।
'ईज़ी मनी' के लोभ में उच्च शिक्षित लोग भी आ जाते हैं। हाल में नोएडा में एक व्यक्ति को टेलीग्राम पर संदेश मिला कि वह विभिन्न होटलों का ऑनलाइन रिव्यू देकर घर बैठे मोटी कमाई कर सकता है। फिर उसे एक 'निवेश योजना' से जोड़ा गया, जिसमें चार गुना मुनाफा मिलने का वादा किया गया था। उस व्यक्ति ने साइबर ठगों को 40.73 लाख रुपए भेज दिए। जब उसने अपना मुनाफा मांगा तो उसे टेलीग्राम समूह से बाहर निकालकर नंबर ब्लॉक कर दिया गया। अगर वह इस रकम से स्वरोजगार कर लेता या पोस्ट ऑफिस, बैंक की किसी योजना में निवेश कर देता तो उसे बढ़िया प्रतिफल मिलता, धन भी सुरक्षित होता।
इसी तरह पार्ट टाइम नौकरी कर घर बैठे लाखों रुपए कमाने का झांसा देकर साइबर जालसाजों ने दो महिलाओं से 21.50 लाख रुपए की ठगी कर ली। उनके पास टेलीग्राम पर संदेश आया कि रोजाना एक से तीन हजार रुपए कमाए जा सकते हैं। जालसाजों ने 10,500 रुपए जमा कराने की बात कही। फिर उन्हें लुभाने के लिए कुछ मुनाफा दिया। इसके बाद उन्हें चार गुना मुनाफे का झांसा देकर लाखों रुपए का प्रस्ताव भेजा गया। महिलाओं ने उनकी बातों पर विश्वास कर उक्त रकम भेज दी। जब उन्होंने अपने रुपए वापस मांगे तो समूह से बाहर निकालकर नंबर ब्लॉक कर दिया गया।
ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इनसे सुरक्षित रहने का तरीका यही है कि 'ईज़ी मनी' का मोह छोड़ें और अपना धन विश्वसनीय योजनाओं में ही निवेश करें। निवेश पर भारी-भरकम मुनाफे का लालच महंगा पड़ सकता है।
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