कर्नाटक में आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामलों में दोषसिद्धि की दर कितनी है?

निर्वाचन आयोग आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर निकटता से नजर रखता है

कर्नाटक में आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामलों में दोषसिद्धि की दर कितनी है?

पिछली बार करीब 2,000 मामले दर्ज किए गए थे

बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज कुमार मीणा ने बताया है कि राज्य में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन से संबंधित 50 प्रतिशत से अधिक मामलों में दोषसिद्धि हुई है।

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मीणा ने कहा कि निर्वाचन आयोग (ईसी) आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर निकटता से नजर रखता है, जिसकी वजह से ऐसा संभव हो पाया है।

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, कर्नाटक उन राज्यों में शामिल है, जहां आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मामलों में दोषसिद्धि की दर ऊंची है। पिछली बार करीब 2,000 मामले दर्ज किए गए थे। सभी मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए थे, सभी आरोपियों पर मुकदमा चलाया गया था और मुझे लगता है कि कर्नाटक में 50 प्रतिशत से अधिक मामलों में दोषसिद्धि हुई।

निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि दोषसिद्धि के ये मामले साल 2013 से 2019 के बीच हुए चुनावों से जुड़े हैं।

मीणा ने कहा, सभी मामलों में फैसला हुआ है, लेकिन 50 फीसदी से ज्यादा मामलों में आदेश हमारे पक्ष में आया और दोषसिद्धि हुई। यह एक बड़ी संख्या है। मैं अन्य राज्यों के बारे में नहीं जानता, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है कि आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामलों में अपराध साबित होते हैं।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है, क्योंकि निर्वाचन आयोग और उनका कार्यालय मामलों पर बहुत बारीकी से नजर रखता है।

मीणा ने दोषसिद्धि की ऊंची दर के बारे में बताया कि मामलों को सावधानीपूर्वक दर्ज किया जाता है और लोगों को उनसे निपटने को लेकर प्रशिक्षण दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की मौजूदा प्रक्रिया के दौरान भारी मात्रा में नकदी, कीमती धातुएं और मुफ्त उपहार जब्त किए गए हैं, जो ‘पहले कभी नहीं हुआ।’

मीणा ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा से लगभग चार महीने पहले ही विभिन्न एजेंसी के समन्वय से सामान जब्त करने की कवायद शुरू हो गई थी।

उन्होंने बताया कि एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अंतिम रूप दिया गया था, जिसके कारण चुनाव की घोषणा होने के समय बुनियादी ढांचा पहले से ही मौजूद था।

मीणा ने कहा कि चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारियों ने आयोग के राज्य के दौरे के लगभग तुरंत बाद ही सतर्कता गतिविधियां शुरू कर दी थीं। उन्होंने कहा कि पहले से तैयारी होने के कारण आधिकारिक तंत्र इसे और अधिक पेशेवर तरीके से कर पाया और बड़ी मात्रा में नकदी, सोना, शराब और उपहार जब्त किए गए।

मीणा ने कहा, हम सतर्क हैं। अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे। हम अपनी (राज्य की) सीमाओं पर गहन जांच कर रहे हैं। इसके साथ ही हम आंतरिक गतिविधियों पर भी करीबी नजर रख रहे हैं। हम स्थानीय स्तर पर भी खुफिया जानकारी जुटा रहे हैं।

मीणा के कार्यालय की ओर से साझा किए गए बृहस्पतिवार तक के आंकड़ों के मुताबिक, 29 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से की गई कुल जब्ती का मूल्य 292.06 करोड़ रुपए है, जिसमें 102.9 करोड़ रुपए नकद, 68.69 करोड़ रुपए की शराब और 76 करोड़ रुपए का 149.31 किलोग्राम सोना शामिल है।

मीणा ने नफरत पैदा करने वाली सामग्री के बारे में कहा कि आयोग इस तरह के हर घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है और उसने ऐसे पांच मामले दर्ज किए हैं।

उन्होंने कहा, हम टेलीविजन, सोशल मीडिया और यहां तक कि समाचार पत्रों पर लगातार नजर रख रहे हैं। हमारे पास प्रत्येक स्तर पर-जिले के साथ-साथ हमारे स्तर पर भी, एक समर्पित टीम है।

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