धनवर्षा का ऑनलाइन जाल

यह ग़लतफ़हमी बड़ी आर्थिक चोट पहुंचा सकती है

धनवर्षा का ऑनलाइन जाल

जुआ किसी भी रूप में हो, उससे हमेशा दूर रहने में ही कल्याण है

तमिलनाडु में एक व्यक्ति को ऑनलाइन जुआ खेलने की ऐसी लत लगी कि लाखों रुपए गंवा बैठा और आखिरकार मौत को गले लगा लिया। उत्तर प्रदेश में एक छात्र को ऑनलाइन गेम का ऐसा चस्का लगा कि पिता के बैंक खाते से लाखों रुपए उड़ा दिए। गुजरात में एक किशोर को माता-पिता ने ऑनलाइन गेम खेलने के लिए मोबाइल फोन नहीं दिया तो उसने घर में जमकर तोड़-फोड़ मचा दी। राजस्थान में एक युवक ऑनलाइन जुए का इतना आदी हो गया कि परिजन को उसका फोन छीनना पड़ा। जब उसे फोन नहीं मिलता है तो वह बेचैन हो जाता है। 

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ये कुछ उदाहरण हैं, जिनके मीडिया/सोशल मीडिया में आने पर पता चलता है कि आज ऑनलाइन जुआ/गेम के नाम पर लोगों की ज़िंदगी से किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे कई मामले हैं, जो सामने नहीं आए। कोरोना काल में घर बैठे लाखों की कमाई, अमीर बनने के सब्जबाग दिखाने वाले प्लेटफॉर्म तेजी से उभरे हैं। 

चूंकि इस दौरान इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ी, इसलिए ये ऐप ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित करने में सफल रही हैं। इनका संचालन करने वाली कंपनियां बड़े-बड़े विज्ञापन देती हैं, जिनमें खेल और फिल्म जगत के जानेमाने चेहरे दिखाई देते हैं। जब कोई नौजवान यह देखता है कि 'मेरा पसंदीदा खिलाड़ी, अभिनेता/अभिनेत्री मुझे बता रहा है कि मैं एक ऐप डाउनलोड कर घर बैठे ही लाखों रुपए कमा सकता हूं तो इस मौके को हाथ से क्यों जाने दूं!' 

महंगाई और बेरोजगारी के बीच घर के खर्चे पूरे करने में मुश्किल का सामना करने पर कौन नहीं चाहेगा कि उसके पास कमाई का 'आसान' जरिया हो? ऑनलाइन के नाम पर मोटी कमाई का झांसा देनेवाली जुआ/गेम ऐप कंपनियां इस तरह लुभाती हैं कि लोग यह सोचने का कष्ट ही नहीं करते कि जो कदम उठाने जा रहे हैं, वह कितना सुरक्षित है। उन्हें तो यही लगता है कि इधर ऐप डाउनलोड किया, उधर बैंक खाते में धनवर्षा होने लगेगी।

यह ग़लतफ़हमी बड़ी आर्थिक चोट पहुंचा सकती है। इससे बचत तो डूबती ही है, कई बार लोग उधार लेकर रकम लगा देते हैं, तो वह भी डूब जाती है। अब कहां गुहार लगाएं? जिन खिलाड़ियों, अभिनेताओं/अभिनेत्रियों ने मुस्कुराते हुए तस्वीर खिंचवाकर सपनों के बड़े-बड़े महल दिखाए थे, वे ताश के महल साबित हुए। अगर कोई व्यक्ति न्यायालय जाए तो इन कंपनियों का 'तर्क' होता है कि आपने नियम और शर्तों पर सहमति जताई थी। हमने पहले ही बता दिया था कि इसमें वित्तीय जोखिम है, फिर आप क्यों रकम लगाते रहे?' 

कुल मिलाकर बात यह है कि कहीं से भी राहत मिलने के आसार नजर नहीं आएंगे, इसलिए समय रहते खुद को और सबको जागरूक करने में ही भलाई है। अमेरिका के एक जुआघर में दशकों काम करने के बाद उसके कर्मचारी ने इस 'धंधे' के कई राज़ खोले। उसने बताया कि जुआघर में नए-नवेले 'शिकार' की ऐसे आवभगत की जाती है, जैसे वह कोई राजा हो। उसे बड़ी रकम जीतने के लिए ललचाया जाता है। उसे सौंदर्य के जाल में भी फंसाया जाता है। शुरुआत में उसे जानबूझकर जिताया जाता है, ताकि वह झांसे में आए। धीरे-धीरे उसे बड़ा दांव लगाने के लिए उकसाया जाता है। 

अब वह खुद को दुनिया का सबसे सौभाग्यशाली और बुद्धिमान व्यक्ति समझने लगता है। वह दांव की रकम बढ़ाने लगता है। वह फिर जीतता है, जिससे उसका हौसला बढ़ता है। वह और उत्साहित होकर बड़ा दांव लगाता है। अब वह बाजी हारने लगता है। वह हारी हुई रकम हासिल करने के लिए और दांव लगाता है, फिर भी हार जाता है। आखिरकार वह सबकुछ हार जाता है। अगर वह हंगामा करता है तो जुआघर के सुरक्षाकर्मी उसे धक्के मारकर बाहर निकाल देते हैं। वह जुआरी जिस रकम को जीतने के लिए आया था, उसके दर्शन ही नहीं हुए, बल्कि जो कुछ उसके पास था, वह भी डूब गया। 

कमोबेश यही 'चाल' ऑनलाइन जुआ कंपनियों की है। जुए के कितने दुष्परिणाम हो सकते हैं, यह जानना हो तो महाभारत पढ़ें। हमारे ऋषियों, संतों ने यही संदेश दिया है कि परिश्रम की कमाई पर विश्वास रखें। जुआ किसी भी रूप में हो, उससे हमेशा दूर रहने में ही कल्याण है।

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