बनना चाहते हैं सेना में अग्निवीर, तो जरूर पढ़े भर्ती प्रक्रिया में बदलाव की यह जानकारी
आवेदन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अब 16 फरवरी से 15 मार्च तक खुले हैं
अंत में चरण तीन में, चयनित उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा
नई दिल्ली/भाषा। सेना ने अग्निवीरों और अन्य की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव के संबंध में अधिसूचना जारी की है। पंजीकरण के लिए अधिसूचना ज्वाइन इंडियन आर्मी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आवेदन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अब 16 फरवरी से 15 मार्च तक खुले हैं, जिसमें उम्मीदवार अपनी आयु, शैक्षिक योग्यता, शारीरिक मानदंड और अन्य योग्यता आवश्यकताओं के अनुसार आवेदन कर सकते हैं।सेना ने जूनियर कमीशंड अधिकारी/अन्य रैंक/अग्निवीर के लिए भर्ती प्रक्रिया में संशोधन की घोषणा की है। संशोधित भर्ती प्रक्रिया के अनुसार, भर्ती रैली से पहले कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन साझा प्रवेश परीक्षा (सीईई) आयोजित की जाएगी।
सेना ने प्रक्रिया में बदलाव के संबंध में हाल ही में विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया था। भर्ती तीन चरणों में की जाएगी। पहले चरण में, वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण और आवेदन करने वाले सभी उम्मीदवारों को सीईई से गुजरना होगा।
बयान में कहा गया है कि चरण दो में, चयनित उम्मीदवारों को संबंधित सेना भर्ती कार्यालयों (एआरओ) द्वारा तय किए गए स्थान पर भर्ती रैली के लिए बुलाया जाएगा, जहां वे शारीरिक फिटनेस परीक्षण और शारीरिक माप परीक्षण से गुजरेंगे।
बयान के अनुसार अंत में चरण तीन में, चयनित उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा। इसके अनुसार कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन सीईई 17 से 30 अप्रैल के बीच पूरे भारत में 175 से 180 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित करने की योजना है।
मंत्रालय ने कहा कि ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा में 'कैसे पंजीकरण करें' और 'कैसे उपस्थित हों' पर शैक्षिक वीडियो ज्वाइन इंडियन आर्मी की वेबसाइट और यूट्यूब पर अपलोड किए गए हैं।
ऑनलाइन सीईई के लिए शुल्क 500 रुपए प्रति उम्मीदवार है, जिसमें इसका 50 प्रतिशत भारतीय सेना द्वारा वहन किया जाएगा। आवेदन के ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान उम्मीदवारों को 250 रुपये का भुगतान करना होगा। वे ऑनलाइन सीईई में शामिल होने के लिए पांच विकल्प भी दे सकते हैं।
बयान में कहा गया है कि बदली गई प्रक्रिया भर्ती के दौरान उन्नत संज्ञानात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगी और इसके परिणामस्वरूप देश भर में व्यापक और बेहतर पहुंच होगी। इससे भर्ती रैलियों में भीड़ भी कम होगी और मेडिकल परीक्षण के लिए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या भी कम होगी।