हुब्बली-चिकजाजूर मार्ग के हावेरी-देवरागुड्डा खंड का दोहरीकरण हुआ

127 किमी/घंटे पर सफलतापूर्वक गति परीक्षण भी किया गया

हुब्बली-चिकजाजूर मार्ग के हावेरी-देवरागुड्डा खंड का दोहरीकरण हुआ

महाप्रबंधक ने सभी सुरक्षा सावधानियों को ध्यान में रखते हुए कार्य के समय पर निष्पादन के लिए दपरे के निर्माण विंग को बधाई दी

हुब्बली/दक्षिण भारत। आयुक्त रेलवे सुरक्षा (सीआरएस) एके राय द्वारा निरीक्षण के बाद बुधवार को हावेरी और देवरागुड्डा (24.57 किमी) के बीच नई दोहरी रेलवे लाइन को चालू कर दिया गया है।

हावेरी- देवरागुड्डा खंड के दोहरीकरण के चालू होने के साथ, हुब्बली-बेंगलूरु मार्ग का केवल 20 किमी ट्रैक (हुब्बली दक्षिण-सौंशी) डबल होना शेष रह जाएगा, जिसे मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य है।

इसके साथ, पूरे हुब्बली-बेंगलूरु मार्ग को डबल कर दिया जाएगा, जिससे क्षमता के साथ-साथ सुरक्षा भी बढ़ेगी। दोहरीकरण के बाद इस मार्ग पर विद्युतीकरण का काम भी जोरों पर चल रहा है।

सीआरएस के निरीक्षण के दौरान हावेरी-देवरगुड्डा खंड में 127 किमी प्रति घंटे की गति का परीक्षण भी किया गया। यह दोहरीकरण 2015-16 में स्वीकृत हुब्बली-चिकजाजूर (190 किमी) दोहरीकरण परियोजना का हिस्सा है। इस दोहरीकरण परियोजना की अनुमानित लागत 1850 करोड़ रु. है।

उल्लेखनीय है कि इस खंड के इंजीनियरिंग कार्यों का समय सार्वजनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग किया गया था, ताकि यात्री ट्रेन सेवाओं में कम से कम व्यवधान हो, विशेष रूप से हावेरी में आयोजित कन्नड़ साहित्य सम्मेलन के दौरान।

जनता और प्रतिभागियों की सुविधा के लिए हुब्बली, हरिहर, यशवंतपुर (बेंगलूरु) आदि से हावेरी के लिए कई विशेष ट्रेनें भी चलाई गईं।

महाप्रबंधक संजीव किशोर ने सभी सुरक्षा सावधानियों को ध्यान में रखते हुए कार्य के समय पर निष्पादन के लिए दपरे के निर्माण विंग को बधाई दी है।

उन्होंने कहा है कि युद्ध स्तर पर ट्रैक को डबल और विद्युतीकृत किया जा रहा है, और जल्द ही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने में सक्षम होने का विश्वास है।

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