नाथद्वारा में तैयार हो रही शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा, श्रद्धा और इंजीनियरिंग का अनूठा संगम

नाथद्वारा में तैयार हो रही शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा, श्रद्धा और इंजीनियरिंग का अनूठा संगम

nathdwara shiva statue

राजसमंद। गुजरात के केवड़िया में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू आॅ​फ यूनिटी के बाद बहुत जल्द शिवजी की एक प्रतिमा भी इतिहास रचने वाली है। यह भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। यह 20 किमी दूर से भी आसानी से दिखाई देगी। 351 फीट की इस प्रतिमा का निर्माण कार्य इन दिनों जोरों पर है, जिसके बाद इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में खूब शेयर की जा रही हैं।

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इसका निर्माण राजस्थान के प्रसिद्ध नाथद्वारा ​में किया जा रहा है। इसके अगले साल मार्च तक पूर्ण होने की संभावना है। उदयपुर से करीब 50 किमी की दूरी पर स्थित नाथद्वारा के गणेश टेकरी पर बन रही इस प्रतिमा का 85 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इसके निर्माण में कंक्रीट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें श्रद्धा के साथ ही बेजोड़ इंजीनियरिंग भी दिखाई देगी।

इस परियोजना के प्रभारी राजेश मेहता कहते हैं कि निर्माण कार्य संपन्न हो जाने के बाद यह ऊंचाई के मामले में दुनिया की चौथे नंबर की प्रतिमा होगी। वहीं पिछले दिनों गुजरात में बनकर तैयार हुई सरदार पटेल की प्रतिमा के बाद शिव की यह प्रतिमा ऊंचाई में दूसरे स्थान पर होगी।

परियोजना से जुड़े समूह का कहना है कि जिस रफ्तार से इसका कार्य जारी है, वह 85 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। परियोजना का शेष भाग मार्च 2019 तक पूरा होने की संभावना है। यह निर्माण कार्य नाथद्वारा के पहाड़ी क्षेत्र में हो रहा है जो जिसका विस्तार करीब 16 एकड़ क्षेत्र में है। इसकी भौगोलिक स्थिति भी इसे खास बनाती है।

नाथद्वारा में भोलेनाथ के दर्शन
चूंकि नाथद्वारा भगवान कृष्ण के धाम के रूप में प्रसिद्ध रहा है। हर साल देश-विदेश से अनेक पर्यटक यहां आते हैं। नजदीक ही उदयपुर है। अब शिवजी की विशाल प्रतिमा भी यहां के खास आकर्षण में शुमार होगी। नाथद्वारा आने वाले श्रद्धालु इसके दर्शन जरूर करना चाहेंगे। सरदार पटेल की प्रतिमा के अनावरण के बाद वहां पर्यटकों की लंबी कतार लगी हुई है। इससे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। नाथद्वारा में बन रही शिव की यह प्रतिमा भी क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में अहम किरदार निभाएगी।

इस प्रतिमा का निर्माण कार्य पिछले चार वर्षों से जारी है। ​अब तक इसमें सीमेंट के लगभग 3 लाख बोरे लग चुके हैं। इसके अलावा 2,500 टन सरिए की खपत हो चुकी है। 750 कारीगर और श्रमिक हर रोज इसे आकार देने में जुटे हैं। प्रतिमा का निर्माण पूरा होने के बाद इसमें शिवजी ध्यान और आराम की मुद्रा में दिखाई देंगे।

20 किमी से दूर से झलक
यहां श्रद्धालुओं के लिए चार लिफ्ट लगाई जाएंगी। इसके अलावा तीन सीढ़ियां होंगी ताकि हर रोज हजारों लोग इसके दर्शन कर सकें। पर्यटक 280 फीट की ऊंचाई तक जाकर यहां का नजारा देख सकेंगे। निर्माण स्थल से करीब 20 किमी की दूरी पर स्थित कांकरोली फ्लाईओवर से भी यह दिखाई देगी। इसमें रोशनी का विशेष प्रबंध किया जाएगा, ताकि रात को भी दूर से ही इसकी झलक दिखाई दे। इसके लिए अमेरिका से भी सामान मंगवाया गया है।

पहाड़ी क्षेत्र पर निर्माण से पूर्व इस स्थान की गहन जांच की गई। इसके लिए आॅस्ट्रेलिया की एक कंपनी के विशेषज्ञों की मदद ली गई। उन्होंने यहां हवाओं की गति और तमाम भौगोलिक परिस्थितियों का अध्ययन किया और उसके बाद निर्माण प्रारंभ हुआ। अब लोगों को इसका निर्माण कार्य पूरा होने का इंतजार है।

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