नुकसान से अधिक फायदे

नुकसान से अधिक फायदे

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार का अंतिम पूर्णकालिक बजट २०१८-१९ का ऐलान कर दिया है। इसमें देश की इकोनॉमी के लिए ग्रामीण क्षेत्र से जु़डी समस्याओं को बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। किसानों के लिये अनेक राहत दी गई हैं। वहीं, आवास, बुनियादी ढांचा और बिजली के बारे में बजट में बात हुई है। यह बजट लंबी अवधि में भारतीय अर्थतंत्र की रफ्तार ब़ढाने में कारगर साबित हो सकता है। यह बात दीगर है कि अलग-अलग क्षेत्रों में दिलचस्पी रखनेवालों ने बजट को अपने-अपने ढंग से तौलते हुए इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दीं लेकिन अगर बजट को सिर्फ फायदे के मानकों पर कसा जाए तो यह बात स्पष्ट होती है कि इसके फायदे अन्य बजट प्रस्तावों से कहीं अधिक हैं्। यह भी कहा जा सकता है कि बजट से नुकसान किसी को नहीं है। जो सामाजिक, आर्थिक और अन्य क्षेत्र बजट से शिकायत लेकर सामने आए हैं, उन्हें भी बजट से किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया। पंचायतों को इंटरनेट से जो़डने की योजना से टेलीकॉम सेक्टर को फायदा मिलने की उम्मीद ब़ढी है तो उ़डान स्कीम के तहत एयरपोर्ट और हेलीपोर्ट बनाने से एविएशन और इंफ्रा सेक्टर को फायदा मिलना तय है। हवाईअड्डों की क्षमता ब़ढाने की योजना से भी इस सेक्टर को फायदा मिलेगा। बजट में स़डक निर्माण पर फोकस किया गया है, जिससे इंफ्रा कंपनियों को फायदा मिलेगा। वहीं, नए टूरिस्ट साइट बनाने से ट्रेवल और टूर कंपनियों का कारोबार ब़ढेगा। रेलवे पर फोकस से रेलवे सेक्टर की कंपनियों को भी काम मिलेगा। इसी तरह, सी-प्लेन के लिए योजना से उड्डयन क्षेत्र को फायदा पहुंचना तय है। बजट में गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन देने का वादा किया गया है, जिससे बिजली उत्पादन और वितरण के क्षेत्र में सक्रिय कंपनियों का लाभ ब़ढने की उम्मीद जगी है। इन सबसे अधिक अहम है हर परिवार के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की घोषणा। यह योजना न सिर्फ बीमा क्षेत्र को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी बेहतर करेगी। इस क्रम में शिक्षा और कौशल विकास पर बजट में किए गए प्रावधानों की भी अनदेखी नहीं की जा सकती है। इन प्रावधानों से देश में शिक्षा क्षेत्र के कारोबार में उछाल आना तय माना जा सकता है। बजट में कई योजनाएं तो ऐसी हैं, जिनका फायदा एक साथ एक से अधिक क्षेत्रों को मिलने वाला है। इनमें फूड पार्क की योजना को ही ले लें। इस योजना से किसानों के साथ ही खाद्य व कृषि उत्पाद प्रसंस्करण क्षेत्रों में काम करनेवाली कंपनियों को अपने कदम फैलाने और आगे ब़ढने में मदद मिलेगी। यहां तक कि बजट में रियल एस्टेट सेक्टर तक की अनदेखी नहीं की गई है। इसमें आवास विकास पर फोकस किया गया है, जिससे आवास वित्त क्षेत्र की कंपनियां भी लाभान्वित होंगी। बजट में शौचालय बनाने पर भी गंभीर प्रावधान किए गए हैं।

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