इंटरनेट से जुड़ते गांव
इंटरनेट से जुड़ते गांव
भारत में इंटरनेट सेवा की पहुँच लगातार ब़ढती ही जा रही है। भारत के ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं की पहुँच करीबन १५ प्रतिशत हो चुकी है। शहरों और महानगरों में बेहतर सुविधाओं और पहुँच के कारण भारतीय इंटरनेट सेवा की औसत पहुंच लगभग ३० प्रतिशत है। निकट भविष्य में इंटरनेट सेवाओं की पहुँच में ते़ज गति से वृद्धि होने की भी उम्मीद है। वैश्विक आंक़डों के अनुसार भारत इंटरनेट सेवाओं की पहुँच की सूची में ३६वें स्थान पर है। भारत में इंटरनेट सुविधाओं के क्षेत्र में अभी बहुत काम होना बाकी है। हमारे देश के अनेक गाँवों में अभी तक सरकार बिजली नहीं प्रदान कर सकी है ऐसे में इंटरनेट सेवाओं को उपलब्ध कराने की बात बहुत दूर है। हमारे देश के चौतरफा विकास के लिए नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं पहुँचाने की आवश्यकता है और इनमंे से एक इंटरनेट सेवा भी है। देश के प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया का प्रचार कर रहे हैं और डिजिटल इंडिया के तहत अनेक योजनों का एलान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना को अंजाम तक ले जाने की कोशिश में सरकार जुटी तो है परंतु उसके सामने चुनौतियों की भी कमी नहीं है। डिजिटल इंडिया के तहत सरकार छह करो़ड ग्रामीण नागरिकों तक इंटरनेट पहुँचाना चाहती है। ऐसा सफलता पूर्वक कार्य करने के लिए सरकार डिजिटल साक्षरता अभियान भी चला रही है। सच तो यह है कि हमारे देश में अभी भी इंटरनेट सेवा के सही उपयोग के बारे में आवश्यक जागरूकता नहीं है। शहरों में जहाँ इंटरनेट सेवाओं की पहुँच ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले बहुत अधिक है, अभी भी आम नागरिकों को इंटरनेट के खतरों के बारे में जानकारी नहीं है। डिजिटल ज्ञान आज के युग में आवश्यक हो चुका है और सरकार का भी यही ध्येय है कि अधिक से अधिक नागरिक डिजिटल सेवाओं का उपयोग कर सकें। सरकार को देश के नागरिकों को सुरक्षित तरीके से डिजिटल सेवाओं का उपयोग करना भी सीखना होगा। इंटरनेट एक ऐसा मंच है जहाँ पर छोटी से गलती से किसी भी व्यक्ति को ब़डा नुकसान हो सकता है। इसके लिए जांच परख कर इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करने की जानकारी होना अनिवार्य है। विश्व भर में रोजाना इंटरनेट पर आधारित अपराधों में वृद्धि हो रही है। अनेक तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए संगठित रूप से अनेक अपराधी गैंग कार्यरत हैं। अगर डिजिटल सुविधा का उपयोग करने की कोशिश में कोई गरीब किसान या छोटा व्यापारी अपनी मेहनत की कमाई से हाथ धो बैठे तो उसके निजी नुकसान की भरपाई करना तो मुश्किल ही होगा साथ ही उसके ऐसी घटनाओं से लोगों के बीच ब़ढते खौफ पर भी काबू पाना मुश्किल हो जाएगा।