चेन्नई। राज्य सरकार ने कहा है कि आवश्यक परीक्षणों के बाद जल्द ही चेन्नई में बैटरी चालित बसों का परिचालन शुरु किया जाएगा। राज्य के परिवहन मंत्री एमआर विजय भाष्कर ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्तमान में, हमने बसों का विभिन्न प्रकार के परीक्षण किए है। बहुत जल्द, चेन्नई में बैटरी संचालित बसों को चलाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष उनके मंत्रालय ने शहर आधारित भारी वाणिज्यिक वाहन निर्माता अशोक लेलैंड द्वारा आपूर्ति की गई कुछ इले्ट्रिरक बसों का निरीक्षण किया था।विजयभास्कर ने पहले शैक्षणिक वर्ष के शुरू होने से पहले प्रमाण पत्र जारी करने के लिए कुछ स्कूल बसों का भी निरीक्षण किया।उन्होंने कहा, बसों में दिए गए सुरक्षा उपायों का निरीक्षण करने के बाद बसों को संचालित करने के लिए प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों को दिशा निर्देश दिया गया है कि वह अपनी बसों को सुरक्षा मानकों के अनुरुप रखें अन्यथा उनकी बसों को संचालित करने का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।परिवहन मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि राज्य सरकार राज्य परिवहन निगमों के कर्मचारियों की ओर से की जा रही वेतन में वृद्धि और पुरानी पेंशन योजना को लागू करने संबंधी मांगों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि परिवहन कर्मचारियों की ओर से की जा रही कुछ मांगों को पूरा करना प्रायोगिक तौर पर संभव नहीं है इसके बावजूद भी राज्य सरकार उन विकल्पों पर विचार कर रही है जिससे उनकी मांगों को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि परिवहन कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में वृद्धि के बारे में अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञता समिति गठित की गई है और इस समिति द्वारा सौंपी जाने वाली रिपोर्ट के बाद ही आगे इस संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि राज्य के परिवहन निगमों के नुकसान को कम करने के लिए भी सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कइ्र ऐसे पहलुओं पर विचार कर रही है जिससे राज्य के परिवहन निगमों को प्राप्त होने वाले राजस्व में बढोत्तरी हो सके। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष राज्य सरकार द्वारा बसों के किराए में की गई मामूली बढोत्तरी के कारण महानगर परिवहन निगम(निगम) के राजस्व में काफी कम वृद्धि हुई जिससे नुकसान और प्राप्त राजस्व के बीच के अंतर को पाटना काफी मुश्किल है। इस बात को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग अपने अधीन आने वाले बस स्टैंडों और बस टर्मिनलों पर कुछ अतिरिक्त सुविधाओं को खोलने के लिए अनुमति देने पर विचार कर रही है। इससे एक ओर यात्रियों को इन सुविधाओं को लाभ मिल सकेगा और दूसरी ओर परिवहन विभाग के राजस्व में भी बढोत्तरी हो सकेगी।