निगम के लिए केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय से मांगी गई राशि

निगम के लिए केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय से मांगी गई राशि

चेन्नई। राज्य के नगरपालिका प्रशासन मंत्री एसपी वेलूमणि ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ग्रेटर चेन्नई नगर निगम ने केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय से १७ हजार रुपए की अतिरिक्त राशि की मांग की है। हालांकि निगम को तभी पैसा मिल सकता है जब यह अपने लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय को आश्वसस्त किया है कि यह शहर में वर्ष २०२० तक सभी घरों में पीने की पानी की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाएगा और अपशिष्ट पदार्थों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही इसने स़डकों की सफाई सुनिश्चित करने के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है।उन्होंने बताया कि केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से सभी शहरी निकायों को विभिन्न कार्यों के लिए राशि जारी करने से पहले किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताने के लिए कहा जाता है ताकि इन निकायों में अपने कार्यों को लेकर जिम्मेदारियां बढे। मंत्रालय के समक्ष ग्रेटर चेन्नई निगम ने स्वयं द्वारा प्राथमिकता से किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताया है। हालांकि मंत्रालय की ओर से अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन और निस्तारण के लिए जो लक्ष्य रखें हैं उन्हें समय से पूरा करना इसके लिए एक चुनौती हो सकता है। उन्होंने बताया कि शहर के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढाए जाने के बाद कई नए इलाके इसके अधिकार क्षेत्र में शामिल हुए हैं। हालांकि इन नए क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाओं को मुहैया करवाने में निगम पूरी तरह से सफल नहीं हुआ है। परिणामस्वरुप वर्ष २०११ के बाद से अब तक शहर के मात्र ६० प्रतिशत लोगों तक ही पीने का पानी पाईप के माध्यम से पहुंचा रहा है। हालांकि निगम की ओर से सभी क्षेत्रों में लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति करने की दिशा मंे कदम उठाया जा रहा है। नगर निगम ने यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि वर्ष २०२० तक यह शहर के ९० प्रतिशत लोगों तक पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। इसके बाद शहर की आधी से ज्यादा आबादी के पास पीने का पानी निगम की ओर से पहुंचाया जाएगा। निगम ने शहरी विकास मंत्रालय के समक्ष सौंपे गए अपने प्रस्ताव में इस बात का आश्वासन दिया है कि अगले दो वर्ष के दौरान निगम के अधिकार क्षेत्र में कहीं भी बाढ या जलजमाव की समस्या नहीं होगी। इसके लिए बरसाती जल नालों के नेटवर्क को सुदृढ करने की कोशिश की जा रही है। जिन इलाकों में बरसाती जल नालों की सफाई वर्षों से नहीं हुई है उन इलाकों में मशीन की मदद से सफाई का कार्य किया जा रहा है। हालांकि इसके बावजूद पूरे शहर के मात्र ८५ प्रतिशत हिस्सों में ही सिवरेज नेटवर्क तैयार हो पाएगा। निगम के अधिकार क्षेत्र में कई स्थानों पर सिवरेज से रिसाव या जाम होने की समस्या आए दिन सामने आती रहती है और इस समस्या का समाधान करने के संबंध में भी निगम ने मंत्रालय के समक्ष कुछ प्रतिबद्धताएं जाहिर की है।

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