मैसूरु में जल्द चलेंगी पर्यावरण हितैषी ई-बसें

मैसूरु में जल्द चलेंगी पर्यावरण हितैषी ई-बसें

मैसूरु। महलों का शहर मैसूरु, जो देश में मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम लाने वाले शहर के रूप में प्रसिद्ध है, जल्द ही ई-बस सिस्टम शुरु करने की तैयारी में है। वह दिन दूर नहीं जब प्रदूषण रहित एवं ध्वनि मुक्त बसें मैसूरु परिवहन सेवा में जु़ड जाएंगी जो पूरी तरह से पर्यावरण हितैषी हांेगी। मैसूरु में इले्ट्रिरक या बैटरी संचालित बसों को शुरु करने की तैयारी है। दरअसल केन्द्र सरकार द्वारा देश के कुछ चयनित शहरों में सार्वजनिक परिवहन सेवा के उन्नयन के लिए ई-बस सेवा की शुरुआत हेतु विशेष सहयोग राशि जारी की जा रही है जिसके तहत मैसूरु इंट्रा-सिटी ऑपरेटर्स को करीब ५० बसें मिलने की उम्मीद हैं। इन बसों का परिचालन शहर के कुछ चयनित रूटों पर होगा। सूत्रांे के अनुसार मौजूदा समय में जिन प्रीमियम रुटों पर करीब ४५ एसी बसों का परिचालन हो रहा है उन बसों की जगह नई इले्ट्रिरक या बैटरी संचालित बसें परिचालित होंगी। कर्नाटक राज्य पथ परिवहन निगम (केएसआरटीसी) सूत्रों के अनुसार कम से कम २५ रुटों पर इन बसों का परिचालन होगा जिनमें वैसे रुट प्रमुख रहेंगे जो राजस्व दृष्टि के तहत बेहतर रिटर्न दे रहे हैं। मैसूरु को परिवहन नवाचार में एक ’’आदर्श शहर’’ माना जाता है क्योंकि यह इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम या ‘मित्रा’’ को शुरु करने करने वाला पहला शहर था जिसके लिए विश्व बैंक ने वित्त पोषण किया था। इसी प्रकार पिछले छह से सात वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार के सहयोग से शहर में कई प्रकार के नई पहल की गई। इसी क्रम मंे केएसआरटीसी ने ई-बस लाने की योजना बनाई है। केएसआरटीसी के अनुसार मौजूदा समय में सार्वजनिक परिवहन में ई-बस के बेहद छोटा हिस्सा है लेकिन हरित परिवहन की दिशा में एक बेहतरीन पहल है। हालांकि इन बसों में किस प्रकार की सुविधाएं होंगी और मौजूदा बसों की तुलना में इन बसों की लागत, गुणवत्ता, दीर्घावधि में प्रदर्शन आदि का विवरण आना शेष है। गौरतलब है कि ई-बस की अवधारणा को आरंभ करने की दिशा में बेंगलूरु का नाम पूर्व में ही आ चुका है लेकिन व्यवहार्यता कारकों सहित अन्य कारणों से बाद में बेंगलूरु में इले्ट्रिरक बसों को सार्वजनिक परिवहन में शामिल नहीं किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार ई-बसों को एक बार चार्ज करने के बाद इन्हंे १२० किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। इसलिए बसों को हर दिन चार्ज करने की जरुरत प़डेगी। ंश्च-द्धफ्ष्ठ्र ृय्ख्रप्रय्श्च यष्ठ्य·र्ैंद्म द्यक्वद्यक्वय्प् ·र्ैंर्‍ घ्रुद्मह्रत्रर्‍गौरतलब है कि केन्द्र की यूपीए सरकार के दौरान भी जवारहरलाल नेहरु राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत मैसूरु में इले्ट्रिरक बसों के परिचालन का विचार आया था। हालांकि बेंगलूरु में इसी प्रकार की बसों का परीक्षण परिचालन हुआ जिसकी रिपोर्ट संतोषजनक नहीं होने के कारण बाद में परिवहन विभाग ने मैसूरु में ई-बस परिचालन की अवधारणा को त्याग दिया। हालांकि परिवहन विशेषज्ञों की मानें तो मैसूरु जैसे शहर के लिए ई-बसें आदर्श साबित होंगी लेकिन इन बसों का बेहतर रखरखाव एक प्रमुख चुनौती है। व्यवधान मुक्त बस परिचालन के लिए यह भी जरुरी है कि हर प्रमुख डिपो और स्थल पर बैटरी चार्जिंग की सुविधा हो।

Dakshin Bharat at Google News
परिचालन शुरु पहले चरण में 50 बसें शुरु करने की योजना

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

आईटीआई लि. के पंजीकृत एवं निगमित कार्यालय को 'उत्‍कृष्‍ट राजभाषा कार्यान्‍वयन पुरस्‍कार' मिला आईटीआई लि. के पंजीकृत एवं निगमित कार्यालय को 'उत्‍कृष्‍ट राजभाषा कार्यान्‍वयन पुरस्‍कार' मिला
आईटीआई लि. के अध्‍यक्ष ने संस्‍थान के कार्मिकों को बधाई दी
सत्ता बंटवारे को लेकर शिवकुमार के साथ कोई समझौता नहीं हुआ था: सिद्दरामय्या
कौन है यह रूसी सुंदरी, जिसने जीता मिसेज प्लैनेट यूनिवर्स 2024 का खिताब?
'अभी भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है' - उच्च न्यायालय ने सिद्धू के दावे के खिलाफ याचिका खारिज की
महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए देवेंद्र फडणवीस
'घर जाने का समय': क्या विक्रांत मैसी ने 'पब्लिसिटी स्टंट' के लिए दांव चला?
बांग्लादेश: कैसे होगी शांति स्थापित?