अगरबत्ती एसोसिएशन ने 12 प्रतिशत जीएसटी का विरोध किया
अगरबत्ती एसोसिएशन ने 12 प्रतिशत जीएसटी का विरोध किया
बेंगलूरु। ऑल इंडिया अगरबत्ती मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (एआईएएमए) ने हाल ही में अगरबत्ती पर प्रस्तावित १२ प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने पर अपना विरोध व्यक्त किया है। घर में पूजा-अर्चना के लिए उपयोग किए जाने वाले इस मौलिक उत्पाद पर लगाई गई उच्च दर से न केवल आम जनता प्रभावित होगी बल्कि अगरबत्ती व्यवसाय से जु़डे हजारों लोगों की रोजीरोटी पर भी असर प़डेगा। अगरबत्ती उद्योग के विकास के लिए कार्यरत एआईएएमए ने केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली से अनुरोध किया है कि कि वह इस उत्पाद की खपत और रोजगार पर प़डने वाले बुरे प्रभावों को देखते हुए इसकी दरों में पुन: संशोधन करें। अधिकांश राज्यों में अगरबत्ती पर वैट और एक्साइज वर्तमान में ० प्रतिशत है। यह उद्योग कॉटेज और ग्रामोद्योग के अंतर्गत आता है। १ जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी कराधान में इस पर १२ प्रतिशत का जीएसटी लगाना बिल्कुल ही अव्यवहारिक होगा। एआईएएमए के अध्यक्ष शरत बाबू ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अगरबत्ती पर १२ प्रतिशत जीएसटी दर का प्रस्ताव इस उद्योग पर विपरीत प्रभाव डालेगा। अगरबत्ती का प्रयोग आम नागरिक रोज पूजा-अर्चना में करता है। इसलिए टैक्स के कारण कीमतों पर ब़ढोत्तरी का सीधा असर आमजन पर प़डेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर अगरबत्ती निर्माता कॉटेज और ग्राम इकाईयों के रुप में काम करते हैं जिनसे इसमें काम करने वाली अनेक निर्धन महिलाओं की रोजीरोटी पर खतरा पैदा हो जाएगा। एक ओर केन्द्र सरकार नौकरियों के निर्माण की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर इस तरह के कदम उनमें ब़ढोत्तरी नहीं कर पाएंगे बल्कि लाखों लोगों का रोजगार छिन जाएगा।