यह दशक वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला: मोदी
यह दशक वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला: मोदी
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान के छह साल पूरे होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह दशक वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के कई लाभार्थियों के साथ संवाद भी किया और उनके अनुभव जाने।
प्रधानमंत्री ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन भारत के सामर्थ्य, संकल्प और भविष्य की असीम संभावनाओं को समर्पित है। डिजिटल इंडिया भारत का संकल्प है। यह आत्मनिर्भर भारत की साधना और 21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष है।प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्जिमम गवर्नेंस’ के सिद्धातों पर चलते हुए सरकार और जनता के बीच सिस्टम और सुविधाओं के बीच समस्याओं और सर्विस के बीच का गैप कम करना, इनके बीच की मुश्किलें कम करना और जन सामान्य की सुविधा बढ़ाना समय की मांग रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया के माध्यम से ही एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड को साकार किया जा रहा है। इससे प्रवासी श्रमिकों को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है, क्योंकि उन्हें अब नए राशन कार्ड नहीं बनाने पड़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिलॉकर इस बात का अच्छा उदाहरण है कि डिजिटल इंडिया कितना प्रभावी रहा है। स्कूल/कॉलेज के दस्तावेज, आधार, पैन, वोटर आईडी कार्ड जैसे सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज अब डिजिलॉकर पर आसानी से और सुरक्षित रूप से संगृहीत किए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा से लेकर चिकित्सा तक के लिए विकसित किए गए प्लेटफॉर्म से करोड़ों भारतीयों को फायदा हो रहा है। डिजिटल इंडिया ने दूर-दूर तक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविन ने दुनियाभर के कई देशों से रुचि आकर्षित की है। टीकाकरण अभियान के लिए कोविन जैसा निगरानी उपकरण हमारी तकनीकी ताकत का प्रमाण है। हमने अनुभव किया है कि डिजिटल इंडिया ने कोरोना के दौरान हमारे जीवन को कितना आसान बना दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन के तहत बुनियादी ढांचे के विकास के पैमाने और गति पर अधिक ध्यान दिया गया। भारत के गांवों में लगभग 2.5 लाख सीएससी इंटरनेट को उन जगहों पर ले गए हैं जहां कुछ समय पहले इसे मुश्किल समझा जाता था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में भी डिजिटल लेनदेन से अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को 1 लाख 35 करोड़ रुपए सीधे बैंक अकाउंट में जमा किए गए हैं। डिजिटल इंडिया ने वन नेशन, वन एमएसपी की भावना को भी साकार किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी ने देखा है कि डिजिटल इंडिया ने कोरोना के दौरान कितने प्रभावी ढंग से काम किया। जब विकसित राष्ट्र ऐसा करने में विफल रहे, तो भारत डीबीटी के माध्यम से अपने जरूरतमंदों की मदद कर रहा था, जो कि लगभग 7 लाख करोड़ रुपए थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष गेहूं की रिकॉर्ड खरीद के लगभग 85,000 करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचे हैं। ईएनएएम पोर्टल से ही अब तक देश के किसान 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लेनदेन कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल (बुधवार को) ही जीएसटी के चार वर्ष पूरे हुए हैं। कोरोना काल के बावजूद पिछले 8 महीने से लगातार जीएसटी रेवेन्यू एक लाख करोड़ रुपए के मार्क को पार कर रहा है। आज एक करोड़ 28 लाख रजिस्टर्ड उद्यमी इसका लाभ ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक भारत की कई टेक कंपनियां यूनिकॉर्न क्लब से जुड़ेंगी। यह उन अवसरों को दर्शाता है जो डेटा और जनसांख्यिकीय लाभांश की संयुक्त शक्ति हमारे लिए ला रहे हैं।