
कोरोना से भले ही धीमी हो गई अर्थव्यवस्था की रफ्तार, भारत फिर हासिल करेगा वृद्धि: मोदी
कोरोना से भले ही धीमी हो गई अर्थव्यवस्था की रफ्तार, भारत फिर हासिल करेगा वृद्धि: मोदी
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सीआईआई के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भरोसा जताया कि भारत निश्चित रूप से अपनी आर्थिक वृद्धि दोबारा हासिल कर लेगा, क्योंकि देश ठोस सुधारों की राह पर है और सरकार सुधार-प्रक्रिया जारी रखेगी।
मोदी ने कहा कि यह इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है कि वो हर मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता बना ही लेता है। आज भी हमें जहां एक तरफ इस वायरस से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने हैं, वहीं दूसरी तरफ इकॉनमी का भी ध्यान रखना है।
मोदी ने कहा कि हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन बचाना है तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी स्टैबलाइज करना है, स्पीडअप करना है। इस स्थिति में आपने गेटिंग ग्रोथ बैक की बात शुरू की है और निश्चित तौर पर इसके लिए भारतीय उद्योग जगत के लोग बधाई के पात्र हैं।
मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ इकोनॉमी को फिर से मजबूत करना, हमारी उच्च प्राथमिकता में से एक है। इसके लिए सरकार जो फैसले अभी तुरंत लिए जाने जरूरी हैं, वो ले रही है। साथ में ऐसे भी फैसले लिए गए हैं जो लॉन्ग रन में देश की मदद करेंगे।
मोदी ने कहा कि महिलाएं हों, दिव्यांग हों, बुजुर्ग हों, श्रमिक हों, हर किसी को इससे लाभ मिला है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को 8 करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडर उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुफ्त में बांटे गए हैं।
मोदी ने कहा कि सरकार आज ऐसे पॉलिसी रिफॉर्म भी कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी। अगर मैं एग्रीकल्चर सेक्टर की बात करूं तो हमारे यहां आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, उसमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था। हमारे श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए लेबर रिफॉर्म्स भी किए जा रहे हैं। जिन नॉन-स्ट्रेटजिक सेक्टर्स में प्राइवेट सेक्टर को इजाजत ही नहीं थी, उन्हें भी खोला गया है।
मोदी ने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है। इससे एमएसएमई बिना किसी चिंता के आगे बढ़ पाएंगे और उनको एमएसएमई का स्टेटस बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की ज़रूरत नहीं रहेगी।
मोदी ने कहा कि दुनिया का तीसरा वो देश जिसके पास बहुत बड़ी मात्रा में कोयले का भंडार हो, जिसके पास आप जैसे उद्यमी व्यापार जगत के लीडर्स हों, लेकिन फिर भी उस देश में बाहर से कोयला आए तो उसका कारण क्या है? अब कोल सेक्टरों को इन बंधनों से मुक्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
मोदी ने कहा कि अब देश के स्ट्रेटजिक सेक्टर्स में भी प्राइवेट प्लेयर्स की भागीदारी एक वास्तविकता बन रही है। आप स्पेस सेक्टर निवेश करना चाहें, एटॉमिक एनर्जी में नए अवसरों को तलाशना चाहें, संभावनाएं आपके लिए पूरी तरह से खुली हुई हैं। हर अवसर आपका इंतजार कर रहा है।
मोदी ने कहा कि अब जरूरत है कि देश में ऐसे प्रोडक्ट्स बनें जो मेड इन इंडिया हों, मेड फॉर द वर्ल्ड हों। कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं? हमें तमाम सेक्टर्स में प्रोडक्टीविटी बढ़ाने के लिए अपने टार्गेट तय करने ही होंगे।
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