वॉट्सअप पर फैला दी नरभक्षी की अफवाह, अफ्रीकी मूल के लोगों को पुलिस ने बचाया
वॉट्सअप पर फैला दी नरभक्षी की अफवाह, अफ्रीकी मूल के लोगों को पुलिस ने बचाया
नई दिल्ली। देश-दुनिया में लगातार वॉट्सअप के दुरुपयोग की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब राजधानी दिल्ली में किसी ने वॉट्सअप पर यह अफवाह फैला दी कि अफ्रीकी मूल के कुछ लोग नरभक्षी हैं। इसके बाद गुस्साई भीड़ उन लोगों की जान लेने को आमादा हो गई। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने उन्हें बचाया। इस वॉट्सअप पोस्ट में यह अफवाह फैलाई गई थी कि ये लोग पहले तो बच्चों का अपहरण करते हैं। फिर उन्हें खा जाते हैं।
इस अफवाह पर विश्वास कर लोग गुरुवार शाम को पश्चिमी दिल्ली के द्वारका इलाके में अफ्रीकी मूल के छह लोगों के खिलाफ भड़क उठे। उन्हें पुलिस ने बचाया। इसके अलावा भी कुछ जगहों पर अफ्रीकी मूल के लोगों को नफरत का सामना करना पड़ा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ककरौला इलाके में करीब 200 लोगों की भीड़ ने दो तंजानियाई महिलाओं को घेर लिया था। उनके साथ दो अफ्रीकी नागरिकों को भी ताला लगाकर घर में कैद कर लिया था।सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और इन लोगों की जान बचाई। पुलिस ने बताया कि ऐसी अफवाहें फैलने लगी थीं कि अफ्रीकी मूल के ये लोग नरभक्षी हैं। इससे लोग उग्र हो गए। वॉट्सअप के जरिए ऐसी अफवाहें तेजी से फैलीं। अगर पुलिस को पहुंचने में देर हो जाती तो उक्त लोगों की जान को खतरा हो सकता था। पुलिस ने सूझबूझ दिखाते हुए वहां मौजूद लोगों से पूछा कि आपमें से किसके बच्चे का अपहरण किया गया है। इसके बाद भीड़ में से किसी से कोई जवाब देते न बना।
इसके बाद लोगों को अहसास हुआ कि यह कोरी अफवाह है। बताया जा रहा है कि यह अफवाह पहले मौखिक तौर पर फैली, लेकिन बाद में किसी ने कई वॉट्सअप ग्रुप में पोस्ट कर दिया। इससे अफवाह को पंख लग गए और लोग अफ्रीकी मूल के नागरिकों के खिलाफ उग्र हो गए। बता दें कि राजधानी में पहले भी इन लोगों को नफरत का सामना करना पड़ा है। यहां उत्तम नगर और डाबड़ी इलाकों में नाइजीरिया के काफी लोग रहते हैं। उनके साथ भेदभाव की घटनाएं चर्चा में रही हैं। इसके अलावा इन लोगों पर यह भी आरोप लगाया जाता है कि ये ड्रग्स, आॅनलाइन धोखाधड़ी, झगड़ा जैसी गतिविधियों में लिप्त रहते हैं।
अफ्रीकी मूल के कई लोगों ने उन्हें निशाना बनाए जाने पर दुख भी जताया है। उन्होंने कहा है कि यदि कोई एक शख्स अपराध में शामिल पाया जाता है तो इसका यह मतलब नहीं कि पूरा समाज बुरा है। भारत में ये लोग पढ़ाई, कारोबार जैसे सिलसिले में आते हैं लेकिन ऐसा बर्ताव देख दुख जता रहे हैं। इनके परिजनों को भी चिंता हो रही है। वहीं पुलिस ने कहा है कि सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाह न फैलाएं।