उच्च न्यायालय ने डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटिज को दी राहत

उच्च न्यायालय ने डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटिज को दी राहत

चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के शिक्षा नियामक को निर्देश दिया है कि वह वर्ष २०१८-१९ के लिए पाठ्यक्रमों को अनुमति देने का आवेदन सौंपने के इसके नोटिस का जवाब नहीं देने वाले राज्य के डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटिज के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर महादेवन ने वेल्लूर टेक्नोलोजी और वेलटेक डीम्ड यूनिवर्सिटी की ओर से दायर की याचिका पर सुनवाई करते हुए एआईसीटीआई को यह निर्देश दिया।याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि उन्हें पिछले वर्ष एआईसीटीई की ओर से उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग कानून के आधार पर जारी नोटिस को असंवैधानिक और उन पर यह कानून लागू नहीं होने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। इन डीम्ड विश्वविद्यालयों द्वारा न्यायालय को बताया गया था कि उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रशासित किया जाता है और एआईसीटीई को उन्हें इस प्रकार का नोटिस जारी कर नए संस्थान के रुप में मान्यता लेने के लिए कहने का कोई अधिकार नहीं है। वीआईटी के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया था कि एआईसीटीई की ओर से सभी डीम्ड विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी कर वर्ष २०१८-१९ के लिए प्रबंधन पाठ्यक्रम सहित सभी प्रकार के मौजूदा तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए इससे (एआईसीटीई) से मान्यता प्राप्त करने के लिए कहा गया था। सभी डीम्ड विश्वविद्यालयों को इसके लिए ३१ जनवरी तक आवेदन सौंपने का निर्देश दिया गया था। इस नोटिस में कहा गया था कि ३ नवम्बर २०१७ को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन करते हुए सभी डीम्ड विश्वविद्यालय नए तकनीकी संस्थान के रुप में एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन सौंपे। अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी किया गया आदेश सिर्फ खुला एवं दूरस्थ शिक्षा माध्यम से पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रमों पर लागू होता और यह डीम्ड विश्वविद्यालयों पर लागू नहीं होता क्योंकि सभी डीम्ड विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अधीन कार्य कर रहे हैं और इनके कार्यों पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की नजर होती है। इसलिए एआईसीटीई को डीम्ड विश्वविद्यालयों को नए संस्थान के रुप में मान्यता लेने का निर्देश देने का कोई अधिकार नहीं है।

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